2013 में सपा सरकार ने आतंकी हमले से जुड़े 14 केस लिए थे वापस, निराधार नहीं है भाजपा के आरोप, हैरान करते हैं ये तथ्‍य

नई दिल्ली। आतंकी हमले के आरोपितों के प्रति सपा द्वारा साफ्ट कार्नर अपनाने का भाजपा का आरोप पूरी तरह निराधार नहीं है। अखिलेश यादव सरकार के दौरान 2013 में सात जिलों में आतंकी हमले से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए गए थे। हालांकि, कुछ मामलों में अदालत के मना करने के बाद आरोपितों को 20-20 साल तक की सजा हुई।

दूसरी तरफ, आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीरो टालरेंस की नीति का नतीजा है कि 2017 के बाद जम्मू-कश्मीर, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर आतंकी कहीं भी वारदात करने में सफल नहीं रहे। इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सली इलाकों में भी मोदी सरकार के दौरान आतंकी हिंसा में उल्लेखनीय कमी देखी गई है।

अखिलेश सरकार ने जिन 14 मामलों को वापस लिया था, उनमें लखनऊ के छह और कानपुर के तीन मामले थे। इसके अलावा वाराणसी, गोरखपुर, बिजनौर, रामपुर और बाराबंकी का एक-एक मामला था। पांच मार्च, 2013 को वाराणसी के जिस मामले को वापस लिया गया था, वह सात मार्च 2006 में संकट मोचन मंदिर एवं रेलवे स्टेशन कैंट पर हुए सिलसिलेवार बम धमाके से जुड़ा था।

एक प्रेशर कुकर में घड़ी लगा विस्फोटक दशाश्वमेध घाट पर भी मिला था। इस आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसमें मुख्य आरोपित आतंकी संगठन हूजी से जुड़ा शमीम अहमद है। वैसे केस वापस लेने के बावजूद यह मामला अदालत में लंबित है।

इसी तरह से 20 मई, 2007 को गोरखपुर के बलदेव प्लाजा, जरकल बिल्डिंग और गणेश चौराहा पर हुए सिलसिलेवार विस्फोट के मामले को राज्य सरकार ने वापस ले लिया। वैसे अदालत ने सरकार के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया और बाद में दोषियों को 20 साल सश्रम कारावास की सजा हुई। वहीं कई मामलों में अदालत ने सरकार के फैसले को मानते हुए केस को खत्म कर दिया और आरोपित पूरी तरह से दोषमुक्त हो गए।

एक तरफ सपा सरकार आतंकी हमले के आरोपितों के प्रति साफ्ट कार्नर दिखाती रही, वहीं दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति कायम रखी। इसका नतीजा अहमदाबाद ब्लास्ट में शामिल कई राज्यों में फैले जेहादी आतंकी नेटवर्क से जुड़े 38 आतंकियों को मृत्युदंड के रूप में सामने आया है। गुजरात पुलिस की सक्रिय भूमिका ने बाद में पूरे देश में जेहादी आतंकी नेटवर्क को खत्म करने में मदद की।

जम्मू-कश्मीर, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत को छोड़ दें, जहां आतंकवाद और अलगाववाद की जड़ें पुरानी हैं, तो भी देश के अन्य हिस्सों में आतंकियों ने अपना बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया था। 2004 से 2014 के बीच अयोध्या, जौनपुर, वाराणसी, दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, जयपुर और पुणे में लगातार आतंकी हमले हुए थे, जिनमें हजारों लोगों की जान गई थी।

जम्मू-कश्मीर, पंजाब और पूर्वोत्तर भारत के बाहर अन्य हिस्सों में 2013 में चार आतंकी हमलों में 25 लोग मारे गए थे और 236 घायल हुए थे। वहीं नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में छह आतंकी हमलों में चार लोग मारे गए और 18 घायल हुए थे। 2015 में यह संख्या 13 और चार, 2016 में 11 और 20 तथा 2017 में एक और नौ रह गई। सबसे बड़ी बात यह है कि 2018 के बाद एक भी आतंकी हमला नहीं हुआ और न ही किसी की जान गई।

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     कोलकाता में 2 तिहाई महिलाएं यूज करती हैं पब्लिक टॉयलेट, इसी पर खर्च करती हैं सैलरी का 10%     |     कल पंजाब के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लेंगे अरविंद केजरीवाल, एक बार फिर देश से मदद की अपील की     |     महाराष्ट्र में अब Maratha Vs OBC! कैबिनेट की बैठक में नहीं आए मंत्री छगन भुजबल; दोनों जातियों के बीच बढ़ेगी टकराहट     |     ‘बेटा मुझे कोई मिल नहीं रहा’… वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में दिल्ली का एक परिवार खत्म, दादी ने रोते हुए सुनाई हादसे की कहानी     |     भूटान के प्रधानमंत्री करेंगे रामलला के दर्शन, 5 सितंबर को ऐतिहासिक दौरा,अयोध्या में खास तैयारियां     |     गर्लफ्रेंड करती थी एक्स-बॉयफ्रेंड से बात, नया प्रेमी हुआ इतना नाराज… सरेराह मार दी गोली     |     पहले पवन खेड़ा अब पत्नी के सामने आए 2 वोटर ID कार्ड, बीजेपी ने किया बड़ा खुलासा, कहा- तेलंगाना और दिल्ली में वोटर     |     मुझ पर उंगली भी उठा दिया तो मेरी मां बीच से फाड़ देगी… सपा कार्यकर्ताओं पर क्यों भड़कीं केतकी सिंह की बेटी विभावरी?     |     मराठा आरक्षण पर सरकार के फैसले से भुजबल नाराज, कैबिनेट बैठक बीच में छोड़ी     |     पहाड़ी नदियों में तबाही, कई टरबाइन बंद, बिजली उत्पादन भी घटा… क्या अंधेरे में डूब जाएगा उत्तराखंड?     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें