बुरहानपुर : बुरहानपुर में भी कड़ाके ठंड पड़ने लगी है. शाम होते ही सड़कों पर आवाजाही कम होने लगी है. सारे लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं. जगह-जगह अलाव भी जलने लगे हैं. ऐसे में मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए भांति-भांति के जतन किए जाने लगे हैं. बुरहानपुर के मशहूर श्री राम मंदिर में भगवान को ठंड से बचाने के लिए गर्म व ऊनी कपड़े पहनाए गए हैं.
भक्तों ने भी मंदिर में अर्पित किए गर्म कपड़े
शहर के उपनगर लालबाग के चिंचाला स्थित अति प्राचीन श्री राम मंदिर में भक्तों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम, लक्ष्मण और माता जानकी, भक्त वीर हनुमान सहित अन्य देवी-देवताओं के लिए गर्म कपड़ों का प्रबंध किया गया है. भक्तों व पुजारी ने भगवान को गर्म कपड़े पहनाए. मंदिर में विशेष रूप से देवी देवताओं का शीतकालीन श्रृंगार होने लगा है.
भक्तों ने भी मंदिर में गर्म कपड़े चढ़ाए है. मंदिर में भगवान श्री राम, लक्ष्मण, माता सीता, हनुमान सहित दुर्गा माता और राधा कृष्ण की प्रतिमा स्थापित हैं.
भगवान का शीतकालीन श्रृंगार
मंदिर परिसर में रोजाना सुबह आरती के समय भक्तों का हुजूम उमड़ता है, श्रद्धालु बताते हैं कि मौसम बदलते ही मंदिर के पुजारियों और सेवकों ने भगवान का शीतकालीन श्रृंगार शुरू कर दिया है. भगवान को विशेष ऊनी वस्त्र पहनाए गए हैं. गर्म ऊनी अंगवस्त्र, टोपी, शॉल और रेशमी वस्त्रों से सजा दरबार भक्तों के मन को बेहद सुकून देता है.
भक्ति और सेवा का यह स्वरूप यहां आए हर भक्त को आकर्षित कर रहा है. मंदिर में सुबह से ही विशेष आरती और भजन-कीर्तन की धुन माहौल भक्तिमय और दिव्य बना देती है.
मंदिर के गर्भगृह में विशेष व्यवस्था
भक्त मानते हैं कि जैसे हम अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और जरूरतों का विशेष ध्यान रखते हैं, इसी तरह भगवान का भी मौसम के मुताबिक ध्यान रखते हैं. सर्दी के मौसम में विशेष श्रृंगार की परंपरा भी उसी प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है. मंदिर के पुजारी राजू कुमार मिश्रा बताते हैं “हर साल ठंड की शुरुआत होते ही यह जतन अपनाए जाते हैं. भगवान के वस्त्रों के साथ-साथ मंदिर के गर्भगृह और आसपास के क्षेत्रों में भी विशेष गर्म व्यवस्था की जाती है.”
भक्त अमर यादव व अनिता यादव ने बताया “भगवान भाव को देखते हैं. जिस प्रकार इंसान को ठंड सताती है तो वैसे ही भगवान को भी सताती होगी. इसलिए भगवान के लिए खास इंतजाम किए गए हैं.”