कोरबा: एस्मा लागू कर सख्त तेवर के बाद 4 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 नवंबर से बेमियादी हड़ताल में शामिल सहकारी कर्मचारी वापस लौट आए हैं. कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने काम पर लौटने की जानकारी दी है.
किसान हितों का हवाला देकर कोरबा के अध्यक्ष विनोद भट्ट के साथ पदाधिकारियों ने कलेक्टर को हड़ताल स्थगित करने का ज्ञापन सौंपते हुए गुरुवार से सभी समिति कर्मचारी और डाटा एंट्री ऑपरेटरों द्वारा धान खरीदी का काम सुचारू रूप से करने का आश्वासन दिया है. हालांकि कंप्यूटर ऑपरेटर की वापसी पर अब भी संशय बना हुआ है. उपार्जन केंद्रों में आउटसोर्सिंग से नए ऑपरेटरों की नियुक्ति कर दी गई है. ऐसे में पुराने ऑपरेटर लौटेंगे या नए नियुक्त ऑपरेटर काम करते रहेंगे. इस पर स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है.
कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में इन बातों का उल्लेख : कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में संघ ने उल्लेख किया है कि शासन की महत्वपूर्ण योजना धान खरीदी विपणन वर्ष 2025-26 में 3 नवंबर से चली आ रही संभाग स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन 19 नवंबर से स्थगित करने का निर्णय लिया है. जिसमें समिति कर्मचारी एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं. कलेक्टर अजीत वसंत ने किसान हित में संघ के इस निर्णय की सराहना करते हुए धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से पूरी पारदर्शिता के साथ करने की बात कही है.
संघ के हड़ताल स्थगन के बाद गुरुवार से जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से संपन्न होगा. इस अवसर पर उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं एमआर ध्रुव, जिला खाद्य अधिकारी जीएस कंवर, डीएमओ रितुराज देवांगन, जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी एसके जोशी मौजूद रहे
एस्मा के तहत दर्ज किया गया था अपराध :धान खरीदी अभियान शुरू होने के चौथे दिन छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायपुर की जिला इकाई कोरबा को किसान हितों की चिंता हुई. वह निशर्त हड़ताल स्थगित कर कार्य पर लौट आए है. जिला प्रशासन ने जिले के सभी 65 उपार्जन केंद्रों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कृषि, सहकारिता, खाद्य एवं जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों को उपार्जन केंद्र प्रभारी बनाकर अभियान की शुरुआत कर दी थी. समिति स्तर के कर्मचारियों के हड़ताल से वापस लौटते ही वैकल्पिक व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. सभी अधिकारी अपने मूल विभाग के कार्य दायित्व में लौट जाएंगे. हड़ताल अवधि में एस्मा के तहत छुरी और निरधी उपार्जन केंद्र के प्रबंधकों पर अपराध भी दर्ज किया गया है.
कंप्यूटर ऑपरेटर की वापसी पर संशय : उपार्जन केंद्रों में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति वर्ष 2007 में हुई थी. कई ऑपरेटर ऐसे हैं जो 17, 18 साल से नौकरी कर रहे हैं. लेकिन इन्हें पूरे साल भर का वेतन नहीं मिलता. साल भर वेतन की मांग पर ही ऑपरेटर हड़ताल कर रहे थे. जब उपार्जन केंद्र में पदस्थ पुराने कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर गए तब उनके स्थान पर विपणन विभाग ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से नए ऑपरेटर नियुक्त कर दिए. कई उपार्जन केंद्र दुर्गम क्षेत्रों में हैं, यहां के लिए अब भी कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं मिले हैं. जिन स्थानों पर आउटसोर्सिंग के ऑपरेटर नियुक्त हो चुके हैं वहां काम शुरू कर दिया है.
क्या अब इन्हें फिर से हटाया जाएगा और पुराने ऑपरेटरों को कम पर रखा जाएगा या फिर नए नियुक्त ऑपरेटर काम पर बने रहेंगे? इस बात को लेकर फिलहाल अस्पष्टता बनी हुई है. हालांकि अनुभवी अधिकारी चाहते हैं कि पुराने ऑपरेटरों को ही प्राथमिकता दी जाए. इन्हें धान खरीदी का अनुभव है. जिससे कार्य में आसानी होगी. जबकि नए ऑपरेटरों को कोई भी अनुभव नहीं है. इससे काम में बाधा उत्पन्न हो सकती है. हालांकि नए और पुराने ऑपरेटरों को लेकर पेंच अभी फंसा हुआ है. यह सभी विपणन विभाग के अधीन रहकर कार्य करते हैं. विभाग द्वारा जल्द निर्णय लिए जाने की बात कही गई है.
हड़ताल से लौटे, कंप्यूटर ऑपरेटर पर फैसला जल्द : इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी ऋतुराज देवांगन ने बताया कि समितियों के कर्मचारी हड़ताल से वापस लौट आए हैं. वह गुरुवार से उपार्जन केन्दों में आकर काम संभाल लेंगे. कंप्यूटर ऑपरेटर के स्थान पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से नए ऑपरेटर की नियुक्ति हो चुकी है. आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा आगे की प्रक्रिया जारी है. इस विषय पर उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन भी लिया जाएगा. समिति के कर्मचारियों के काम पर वापस लौटने की जानकारी मिली है.