दिल्ली में प्रदूषण का इमरजेंसी लेवल! आंखों में जलन, सांसों में घुटन बढ़ी, 18 इलाकों में ‘रेड अलर्ट’, AQI 300 के पार
आंखों में जलन, सांसों में घुटन और हवा में फैली धुंध… सुबह दिल्ली की सड़कों पर कदम रखते ही कुछ ऐसा ही महसूस होता है. दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जहां अधिकतर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में AQI 350 से 400 के बीच रहा, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 400 का आंकड़ा पार कर गया.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, बवाना में सबसे ज्यादा AQI 412 रिकॉर्ड किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है. वहीं वज़ीरपुर (397), रोहिणी (390), जहांगीरपुरी (389) और बुराड़ी क्रॉसिंग (389) जैसे इलाकों में भी हवा की स्थिति बेहद खराब रही.
आनंद विहार और मुंडका में AQI 350 के पार
आनंद विहार (379), मुण्डका (377), पटपड़गंज (376), ITO (375), नरेला (368), आर.के.पुरम (363), अशोक विहार (361) और अलीपुर (360) में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में रहा. वहीं कुछ क्षेत्रों जैसे आईएचबीएएस, दिलशाद गार्डन (227), एनएसआईटी द्वारका (218) और DTU (286) में हवा थोड़ी बेहतर स्थिति में दिखी, लेकिन फिर भी यह खराब श्रेणी से ऊपर रही.
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की मुख्य वजह खेतों में पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और ठंडी होती हवाओं के कारण प्रदूषक कणों का जमीन के पास जम जाना है. राजधानी की हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है.
लोधी रोड और आईजीआई एयरपोर्ट का क्या है हाल?
लोधी रोड (IMD) का AQI 314 और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का 322 दर्ज हुआ, जबकि आईजीआई एयरपोर्ट (307) और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम (325) जैसे क्षेत्रों में भी प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में रहा.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर के प्रदूषण में बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना, सुबह की सैर या व्यायाम से परहेज करना और एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करने की सलाह दी गई है. प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई प्रतिबंध लागू किए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों के संचालन में कमी और पानी का छिड़काव शामिल है.