पिंक सिटी जयपुर के नगर निगम ने कार्यकाल खत्म होने से हफ्ते भर पहले शहर की तमाम सड़कों, चौराहों, पुलों और पार्कों के नाम बदल दिए हैं. नए नामकरण उन महापुरुषों के नाम पर किए गए हैं, जो इन दिनों बीजेपी और आरएसएस को ज्यादा सूट करते हैं. इनमें से एलिवेटेड ब्रिज भारत जोड़ो सेतु का भी नाम बदला गया है, जिसे तीन साल पहले तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को समर्पित किया था.
जयपुर के ग्रेटर नगर निगम की मौजूदा कार्यकारिणी की आखिरी बैठक में शहर के करीब 40 प्रमुख स्थलों का नाम बदले जाने का फैसला किया गया है. इसके तहत भारत जोड़ो एलिवेटेड ब्रिज अब लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर होगा. इसके अलावा, सेंट्रल पार्क और टोंक रोड का नाम बीजेपी में तमाम बड़े पदों पर रहे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के नाम पर किए जाने का फैसला किया गया है.
जयपुर में 40 जगहों के बदले गए नाम
साथ ही रामनिवास बाग में बन रहा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स अब आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर होगा. तीन चौराहों के नाम परशुराम सर्किल, चित्रगुप्त सर्किल और खाटू श्याम सर्किल होंगे. आखिरी बैठक में तकरीबन चालीस जगहों के नाम बदले जाने का फैसला किया गया है. नाम बदले जाने के फैसलों पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया है और बीजेपी पर इसके बहाने सियासत करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस पार्टी ने जताया विरोध
कांग्रेस पार्टी को सबसे बड़ा एतराज उस एलिवेटेड भारत जोड़ो ब्रिज को लेकर है, जिसका नामकरण सितंबर 2022 में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने पार्टी सांसद राहुल गांधी की उन दिनों निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा को लेकर किया था. कांग्रेस का आरोप है कि भारत को जोड़ने का संदेश देने वाले पुल का नाम बदला जाना सियासी शिगूफा है. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के मुताबिक BJP की सरकार और उसके कार्यकाल में नगर निगम ने कोई नया काम नहीं किया गया.
मेयर डॉ सौम्या गुर्जर ने क्या कहा?
ऐसे में अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए नाम बदलने की गंदी सियासत की जा रही है. दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. बीजेपी नेत्री और जयपुर ग्रेटर की मेयर डॉ सौम्या गुर्जर का कहना है कि महापुरुषों के सम्मान में अक्सर नए नाम दिए जाते हैं. किसी महापुरुष का नाम हटाकर दूसरे का नहीं रखा गया है. उनके मुताबिक सरदार पटेल ने भारत को जोड़ने की कोशिश की थी, इसी वजह से भारत जोड़ो सेतु को नया नाम दिया गया है.
सेंट्रल पार्क और टोंक रोड का कोई नाम नहीं था, इसलिए उसे राजस्थान को नई पहचान दिलाने वाले भैरो सिंह शेखावत को समर्पित किया गया है. मेयर डॉ सौम्या गुर्जर के मुताबिक बैठक में पार्षद जनता के सुझाव पर जो प्रस्ताव देते हैं, उस आधार पर नामकरण का फैसला किया जाता है. ऐसे मामलों में राजनीति होना कतई उचित नहीं है. सभी को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहि