चुनाव आयोग का बड़ा कदम: बंगाल चुनाव में ’48 घंटे में न्याय’, हर शिकायत के निपटारे के लिए शुरू हुई विशेष हेल्पलाइन देश By Nayan Datt On Oct 30, 2025 पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर चुनाव आयोग ने एक अहम कदम उठाया है. आयोग ने SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और इससे संबंधित लोगों के डाउट्स क्लियर करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1950 लॉन्च किया है. अधिकारी ने बताया कि इस हेल्पलाइन नंबर की मदद से SIR से संबंधित कोई भी जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं. यह भी पढ़ें राष्ट्रीय पर्व के समान ‘एकता दिवस’: पीएम मोदी ने… Oct 31, 2025 राष्ट्रपति ने दी मंजूरी: जस्टिस सूर्यकांत देश के अगले मुख्य… Oct 30, 2025 अधिकारी ने कहा कि नागरिकों को बताया गया है कि वे अब वोटर लिस्ट से जुड़े सवाल पूछने और शिकायतें दर्ज कराने के लिए अलग-अलग राज्य और जिला-स्तर की सेवाओं के साथ-साथ इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. कई हेल्पलाइन नंबर हैं एक्टिव अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि SIR कमीशन की देखरेख में एक रूटीन प्रोजेक्ट है. बिहार समेत दूसरे राज्यों में भी ऐसे ही काम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी सही वोटर का नाम लिस्ट से नहीं हटाया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि इस मामले में लोगों को ज्यादा क्लैरिटी देने के लिए और वोटरों का भरोसा बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने कई हेल्प चैनल भी एक्टिव किए हैं. उन्होंने कहा, “नेशनल कॉन्टैक्ट सेंटर अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक सेंट्रल हेल्पलाइन के तौर पर काम करता है, जो रोज सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक टोल-फ्री नंबर 1800-11-1950 पर चालू रहता है.” उन्होंने आगे कहा कि इलेक्शन से जुड़े मामलों में नागरिकों की मदद के लिए कई ट्रेंड कर्मचारी भी मौजूद हैं. इसके अलावा आयोग ने लोगों से अपील की कि वे SIR के मामले में जानकारी लेने, फीडबैक देने या कोई शिकायत दर्ज कराने के लिए 1950 हेल्पलाइन और दूसरी सेवाओं का इस्तेमाल करें. आयोग ने हर राज्य और हर जिले को अपने-अपने कॉन्टैक्ट सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं. बूथ लेवल अधिकारी से कर सकते हैं संपर्क अधिकारी ने कहा कि नागरिक अपने बूथ लेवल अधिकारी से सीधे संपर्क करने के लिए ECINET प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें. इस प्लेटफॉर्म के जरिए कोई भी व्यक्ति चुनाव अधिकारियों को अपनी समस्या बता सकता है. यह प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करता है कि नागरिकों द्वारा दी गई शिकायत को 48 घंटे के अंदर सुना जाए और उसका समाधान किया जाए. Share