अडानी ग्रुप निवेश विवाद: ₹33,000 करोड़ के निवेश पर दबाव के आरोपों को LIC ने बताया बेबुनियाद, जारी किया स्पष्टीकरण व्यापार By Nayan Datt On Oct 25, 2025 भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने वॉशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट का कड़ा खंडन किया है, जिसमें यह दावा किया गया था कि सरकारी अधिकारियों ने LIC पर दबाव डालकर बिजनेसमैन गौतम अडानी की कंपनियों में 3.9 अरब डॉलर यानी करीब 33,000 करोड़ रुपए लगाने को कहा था, जबकि अडानी अमेरिका में कानूनी परेशानियों का सामना कर रहे थे. यह भी पढ़ें बड़ी खबर! 1 नवंबर से बदल जाएंगे ये जरूरी फाइनेंशियल रूल्स,… Oct 29, 2025 बड़ी खबर! 8वें वेतन आयोग को मिली मंजूरी, 50 लाख केंद्रीय… Oct 28, 2025 इधर, सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में सरकारी जीवन बीमा कंपनी LIC ने कहा कि वह अपने सभी निवेश फैसले स्वतंत्र रूप से लेती है, और वॉशिंगटन पोस्ट की ओर से बताए गए कथित दस्तावेजों के अस्तित्व को पूरी तरह नकार दिया है. LIC का बयान LIC ने साफ कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज या योजना मौजूद नहीं है जिसमें अडानी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने का कोई रोडमैप हो. कंपनी ने इन आरोपों को झूठा, निराधार और सच्चाई से बहुत दूर बताया. LIC ने कहा, वॉशिंगटन पोस्ट की ओर से लगाए गए ये आरोप झूठे, निराधार और सच्चाई से परे हैं. रिपोर्ट में बताए अनुसार एलआईसी द्वारा अडानी समूह में धन निवेश का कोई दस्तावेज या योजना कभी तैयार नहीं की गई है. एलआईसी ने आगे कहा, हमारे सभी निवेश फैसले बोर्ड द्वारा मंजूर नीतियों के अनुसार, पूरी जांच-पड़ताल के बाद स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं. वित्तीय सेवाओं का विभाग या कोई अन्य संस्था इन फैसलों में कोई भूमिका नहीं निभाती. पूरा मामला क्या है? विवाद तब शुरू हुआ जब वॉशिंगटन पोस्ट ने शुक्रवार को एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें दावा किया गया कि सरकारी आंतरिक दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ कि LIC से अडानी समूह के शेयरों में सार्वजनिक पैसा लगाने की एक योजनाबद्ध कोशिश की गई. रिपोर्ट में कहा गया था कि LIC पर अडानी कंपनियों को समर्थन देने के लिए भारी निवेश करने का दबाव डाला गया. हालांकि अब LIC ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि अडानी या किसी अन्य कंपनी में निवेश के लिए कोई बाहरी दबाव या गुप्त योजना नहीं है. अडानी में एलआईसी का निवेश कितना है? जानकारी के अनुसार, एलआईसी का अडानी समूह के शेयरों में निवेश उसकी कुल संपत्ति का 1% से भी कम है. साथ ही, एलआईसी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद जब अडानी के शेयर गिरे थे, तब निवेश किया था. बाद में जब सभी आरोप खारिज होने के बाद शेयरों में तेजी आई, तो एलआईसी को काफी मुनाफा हुआ. एलआईसी ने साफ कहा है कि उसके निवेश निर्णय स्वतंत्र और पारदर्शी हैं और वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पूरी तरह झूठी और भ्रामक है. Share