कोरबा : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यानी SECR बिलासपुर जोन के जीएम तरुण प्रकाश ने कोरबा रेलवे स्टेशन का दौरा किया. जीएम का मैराथन दौरा और इंस्पेक्शन का काम काफी देर तक चला. इस दौरान जीएम ने रेलवे के कामों की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जाहिर की. अमृत भारत योजना के तहत चिन्हित कोरबा रेलवे स्टेशन में चल रहे विकास कार्यों से रेलवे जीएम तरुण प्रकाश नाखुश दिखे. तरुण प्रकाश ने निर्माणाधीन गेट को तोड़कर दोबारा ऊंचा करने के निर्देश दिए.
विकास कार्यों से नाखुश : पार्किंग एरिया से भी तरुण प्रकाश नाराज थे. उनका कहना था कि पार्किंग और रेलवे स्टेशन आमने-सामने है. तो पार्किंग का एंट्रेंस भी रेलवे स्टेशन की दिशा में होना चाहिए. पैसेंजर को अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है. कई तरह के कार्यों पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई और कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया. रेलवे जीएम ने कहा कि प्रवेश द्वार की ऊंचाई काफी कम है. यात्री कोई सामान लेकर आए, तो उसे काफी परेशानी होगी और लंबे कद के व्यक्तियों को झुककर आवाजाही करना पड़ेगा. छत के सिलिंग पर लगाए गए एल्युमीनियम के बोर्ड उभरे हुए नजर आए.वहीं विद्युत तार भी खुले और लटके हुए दिखे. स्टेशन के बाहर शेड की चौड़ाई और पार्किंग को लेकर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि प्रवेश द्वार को तोड़कर फिर से ऊंचाई बढ़ाते हुए निर्माण किया जाए.
पूरे स्टेशन में घूमकर लिया कार्यों का जायजा : जीएम तरुण प्रकाश ने सबसे पहले मानिकपुर साइडिंग और सेकंड एंट्री का जायजा लिया. इसके बाद प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचे. प्रवेश द्वार, पार्किंग स्थल और पिट लाइन का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता में लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई. ज्यादातर स्थानों पर निरीक्षण कर असंतुष्टि जाहिर की और अधिकारियों को फटकार लगाई.
अंबिकापुर कनेक्टिविटी के लिए कोई प्लान नहीं :नई लाइन बिछने और इस पर यात्री सुविधाओं के प्रश्न पर जीएम ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि कोरबा परिक्षेत्र की पहचान माल ढुलाई के लिए है और यह बनी रहेगी. इस तरह से उन्होंने एक बार फिर यात्री सुविधाओं के विस्तार की संभावनाओं पर विराम लगा दिया. वर्तमान में कोरबा-पेंड्रारोड सहित अन्य रेल लाइन का निर्माण कार्य जारी है. इस सवाल के जवाब में जीएम ने कहा कि इस लाइन पर मालढुलाई पर जोर दिया जाएगा.
मालगाड़ी चलाने के लिए बिछ रही है लाइन : रेलवे जीएम ने संदेश दिया कि रेल लाइन यात्री सुविधा के लिए नहीं बल्कि, मालगाड़ी चलाने के लिए बिछाई जा रही है. पहले ही सिवनी से रायगढ़ रेल लाइन पर सिर्फ कोयला लदान किया जा रहा है. बिलासपुर जोन अंतर्गत रेल लाइन विस्तार का कार्य जारी है. कई और विस्तार के कार्य प्रस्तावित है, जो जल्द ही शुरू होंगे. कोरबा से अंबिकापुर को कनेक्ट करने के लिए किसी नई लाइन के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्लान नहीं है. जबकि लंबे समय से लोग अंबिकापुर से कोरबा के कनेक्टिविटी चाहते हैं. बावजूद इसके रेलवे ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस का योजना नहीं बनाई है.
अंबिकापुर से बरवाडीह का एक प्लान है. जिसका डीपीआर तैयार हो चुका है. लेकिन कोरबा से अंबिकापुर को कनेक्ट करने की कोई योजना नहीं है – तरुण प्रकाश,जीएम रेलवे,SECR
मालढुलाई के दौरान न तिरपाल और न ही गार्ड की तैनाती : मालगाड़ी से कोयला ढुलाई के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अधिकांश मालगाड़ी को तिरपाल से नहीं ढंका जाता. कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने भी इसे लेकर टिप्पणी की थी. इस पर जीएम ने कहा कि नियमों के तहत मालगाड़ी से माल ढुलाई की जा रही है.
रेल दुर्घटना पर भी कही अपनी बात : इसके अलवा मालगाड़ी के पीछे गार्ड (ट्रेन मैनेजर) की तैनाती नहीं की जाती. इससे दुर्घटना की संभावना अधिक रहती है. आए दिन डि-रेल के भी मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर तरुण प्रकाश ने कहा कि नियमों के तहत मालगाड़ी का परिचालन किया जा रहा है. कोरबा रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के पहले जीएम ने बालपुर स्टेशन, मड़वारानी रेलवे स्टेशन में यार्ड, क्रासिंग का संरचना, दोनों तरफ के लॉन्ग लूप्स, उरगा और गेवरारोड रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इसके बाद कोरबा स्टेशन पहुंचे.
कोयला चोरी के खेल पर गेंद एसईसीएल के पाले में: कोरबा के रेलवे स्टेशन में कोयला लोड रैक से ओवरलोड कोयले को अनलोड करने की प्रक्रिया में कोयला चोरी की संभावना है. कई बार इस मामले की शिकायत भी हो चुकी है. रेलवे स्टेशन में अक्सर जो मालगाड़ी एसईसीएल से कोयला लोड कर कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंचती है. उसमें से ओवरलोड कोयला को खाली किया जाता है, छोटा हाथी वाहन में मालगाड़ी से कोयला उतार कर लोड किया जाता है और इसे रेलवे स्टेशन से बाहर ले जाया जाता है. कुछ कोयले को वापस भी मालगाड़ी में लोड किया जाता है.
नियमत: ओवरलोड रैक से अधिकता कोयले को यहां अनलोड किया जाना चाहिए, एसईसीएल द्वारा इस काम के लिए कंपनी को नियोजित किया जाता है. लेकिन यह सारा काम रेलवे स्टेशन पर ही पूरा होता है. रेलवे की निगरानी रहती है,जीएम के दौरे के दिन यह काम पूरी तरह से बंद था. इन प्रश्नों के उत्तर पर जीएम ने कहा कि ओवरलोड मालगाड़ी से कोयला खाली करने का नियम है.
जगह-जगह पर हमारे वेब्रिज लगे हुए हैं. जो कि हमारे पोर्टल से कनेक्ट रहते हैं. गड़बड़ी की संभावना नहीं है. हालांकि जिस कोयले को यहां अनलोड किया जाता है. उसके निस्तारण की जिम्मेदारी जिनका कोयला है, अर्थात एसईसीएल की होती है- तरुण प्रकाश,जीएम, SECR
आपको बता दें कि एसईसीएल से कोयला जब कोरबा पहुंचता है, तब ओवरलोड कोयले को अनलोड कर छोटे वाहन में लोड कर स्टेशन से बाहर निकाला जाता है, इसे शिफ्ट किया जाता है. इस प्रक्रिया में कोयला चोरी की संभावनाओं पर उन्होंने गेंद एसईसीएल के पाले में डाल दी. उन्होंने कहा कि ओवरलोड रैक को खाली करना पड़ता है. ताकि ट्रेन का संचालन ठीक तरह से हो सके. जो कोयला खाली होता है,उसके निस्तारण की पूरी जिम्मेदारी जिनका कोयला है उनकी होती है.इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर, प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक, प्रधान मुख्य इंजीनियर, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आरएसपी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
यात्री सुविधाओं की उपेक्षा, लोगों ने बताई समस्या : रेलवे जीएम के प्रवास की सूचना पर रेल संघर्ष समिति और जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य कोरबा रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने जीएम को ऊर्जाधानी के यात्रियों की सुविधा उपेक्षा से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि दिन के समय पर लगभग साढ़े सात घंटे तक बिलासपुर से कोरबा तक कोई भी ट्रेन नहीं है. पिट लाइन का काम पूरा होने के बाद भी चालू नहीं हो रही है.इसके अलावा बिलासपुर-भोपाल पैसेंजर, तिरुपति एक्सप्रेस , रायपुर-जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों को विस्तार कोरबा तक करने की मांग की गई. इस दौरान समिति अंकित सावलानी, मनोज अग्रवाल, प्रेम कुमार , चेंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री नरेंद्र अग्रवाल सहित अन्य उपस्थित थे.