विवादों में घिरे IAS पर नया आरोप: ₹51 करोड़ का जुर्माना ₹4 हजार करने वाले अधिकारी ने भोपाल में खरीदी जमीन? RTI कार्यकर्ता के आरोपों को नकारा मध्यप्रदेश By Nayan Datt On Oct 16, 2025 मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में पदस्थ IAS अफसर नागार्जुन बी गौड़ा एक बार फिर चर्चा में हैं. हरदा के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट ने एक बार फिर अफसर पर आरोप लगाए हैं. इस बार आरोप हैं कि आईएएस अफसर ने कथित तौर पर रिश्वत के रुपयों से राजधानी भोपाल में 8 करोड़ की 4 एकड़ जमीन खरीदी है. उधर आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा ने कहा कि शासकीय सेवा में रहते हुए कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो सरकार की अनुमति से ली जाती है. यह भी पढ़ें दबंगों की क्रूरता की हद! अवैध खनन का विरोध करने पर दलित युवक… Oct 16, 2025 परीक्षा से बचने का नायाब तरीका: छात्रों ने फैलाई… Oct 16, 2025 आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट ने आईएएस अधिकारी नागार्जुन गौड़ा पर ‘रिश्वत’ के रुपयों से जमीन खरीदने का आरोप लगाया है. पत्रकारों से बात करते हुए आनंद जाट ने बताया, ”जिस जमीन को गौड़ा ने खरीदा है, उसका बाजार मूल्य 2 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है. मतलब 4 एकड़ जमीन की कीमत 8 करोड़ रुपए हुई.” आनंद जाट ने इसके साथ ही एक बार फिर से 51 करोड़ के जुर्माने को 4 हजार करने पर सवाल उठाए और कुछ खामियां भी बताईं. आनंद का कहना है कि इस मामले में अब ईओडब्ल्यू में जाकर शिकायत की जाएगी. भोपाल की जिस जमीन को आईएएस अफसर ने खरीदा है, जिसमें पाया कि उक्त जमीन भोपाल के फंदा ब्लॉक के फतेहपुर डोबरा गांव में है. इस 4 एकड़ जमीन की सरकारी गाइडलाइन से कीमत 94 लाख 76 हजार रुपए है. यह जमीन IAS अफसर नागार्जुन गौड़ा और भोपाल निवासी रोहित शर्मा ने मिलकर 90 लाख रुपए में खरीदी है. नागार्जुन गौड़ा के हिस्से में 2 एकड़ जमीन रहेगी. रजिस्ट्री में लिखे अमाउंट के अनुसार गौड़ा ने 45 लाख में 2 एकड़ जमीन खरीदी है. हालांकि, यह सब जानते हैं कि जमीन की शासकीय दर और बाजार की दर में अंतर रहता है. IAS अफसर ने आरोपों को नकारा उधर, खंडवा जिला पंचायत सीईओ नागार्जुन गौड़ा ने कहा, ”जब शासकीय सेवक प्रॉपर्टी की खरीद करते हैं, तो शासन से अनुमति लेकर ही खरीदते हैं. मैंने भी अनुमति लेकर ही भोपाल में जमीन खरीदी है.” ₹51 करोड़ जुर्माने को ₹4 हजार करने का विवाद यह जमीन खरीदी (मार्च 2024 में) हरदा जिले में सड़क बनाने वाली कंपनी पाथ इंडिया को अवैध खनन मामले में क्लीन चिट देने के आदेश के चार माह बाद हुई है. बता दें कि कंपनी को पहले ₹51.67 करोड़ का जुर्माना नोटिस जारी हुआ था, जिसे तत्कालीन अपर कलेक्टर IAS गौड़ा ने घटाकर मात्र ₹4032 कर दिया था. आनंद जाट के आरोप RTI एक्टिविस्ट आनंद जाट ने इस मामले को उठाते हुए गौड़ा पर ₹10 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. आरोप है कि आदेश देते समय कंपनी के वकील का पक्ष माना गया, लेकिन अमले के प्रतिवेदन को नजरअंदाज किया गया. आरोप है कि खनन की सही माप के लिए दोबारा जांच नहीं करवाई गई और सामान्य नाप वाला मीटर तहसीलदार के पास उपलब्ध न होने का बहाना बनाकर कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई, जिससे शासन को ₹51 करोड़ का नुकसान हुआ. Share