जगदलपुर: बस्तर ओलंपिक 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं. 22 सितंबर से खिलाड़ियों का पंजीयन शुरू हो चुका है, जो 20 अक्टूबर तक चलेगा. यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा रही है. ताकि अधिक से अधिक खिलाड़ी इसमें शामिल हो सकें. इसके बाद विकासखंड स्तरीय मुकाबले 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक होंगे.
जानिए पूरा शेड्यूल: विकासखंड के बाद जिला स्तरीय आयोजन 5 से 15 नवंबर तक प्रस्तावित है. इसके बाद संभाग स्तरीय आयोजन 24 से 30 नवंबर तक होगा. फिर अलग-अलग खेलों के फाइनल मुकाबले 1, 2 या 3 दिसंबर को होगा. इस वर्ष ओलंपिक में कुल 11 खेल शामिल किए गए हैं.
कहां-कहां होंगे मैच: इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग और बैडमिंटन के मुकाबले होंगे. जबकि धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर में कबड्डी, खो-खो, आर्चरी, एथलेटिक्स और रस्साकसी जैसे पारंपरिक खेल खेले जाएंगे. वहीं खेलो इंडिया सेंटर पंडरीपानी में हॉकी प्रतियोगिता होगी.
अब तक 3 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन: पिछले साल पूरे बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों से 1 लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया था. अकेले बस्तर जिले से ही 2024 में 37 हजार 500 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. वहीं इस बार अब तक 3 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. इस बार बस्तर जिले से ही 75 हजार खिलाड़ियों को जोड़ने का लक्ष्य है.
कौन-कौन से खेल होंगे: बस्तर ओलंपिक में एथलेटिक्स में 100 मी., 200 मी., 400 मी., लम्बी कूद, ऊंची कूद, शॉटपुट, डिस्कस-थ्रो, जैवलिन-थ्रो, 4X100 मी. रिले रेस गेम होंगे. इसके साथ ही तीरंदाजी, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, कराटे, वॉलीबॉल और महिला सीनियर वर्ग के लिए रस्साकसी सहित जिला स्तर पर हॉकी और वेट लिफ्टिंग की स्पर्धाएं होंगी.
बस्तर के अंचल में छिपी प्रतिभाओं को बाहर निकालकर उन्हें राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है. इसके लिए बस्तर ओलंपिक में अधिक से अधिक लोगों को खेल से जोड़ने की तैयारी हम कर रहे हैं– अपर कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी
पिछले बार आए थे अमित शाह: गौरतलब है कि पिछले वर्ष के फाइनल मुकाबले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जगदलपुर पहुंचे थे और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया था. उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी गृहमंत्री या प्रधानमंत्री की उपस्थिति संभव है. दरअसल बस्तर ओलंपिक की शुरुआत 2024 में इस उद्देश्य से की गई थी कि खेल के माध्यम से नक्सलवाद की विचारधारा को समाप्त कर, युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.
मंच पर गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का अकाउंट क्लोज करने का संकल्प दोहराया था. बस्तर ओलंपिक ने तब यह साबित किया था कि खेल के जरिए समाज को जोड़ने की ताकत सबसे बड़ी होती है. जहां एक ही मैदान पर सरेंडर नक्सली, नक्सल पीड़ित और आम युवा एक साथ खेलते नजर आए थे.