कट्टरपंथ को चुनौती: 90% मुस्लिम आबादी वाले देश में क्यों लगा बुर्के पर बैन? सुरक्षा या संस्कृति की लड़ाई?

इटली में बुर्के पर बैन लगाने का फैसला लिया गया है. इस्लामिक अलगाववाद को खत्म करने के लिए मेलोनी सरकार ने यह फैसला किया है. बिल के लागू होते ही बुर्का पहनने पर देश में प्रतिबंध लग जाएगा. अगर इसके बाद भी स्कूलों और दुकानों से लेकर कार्यालयों और यूनिवर्सिटी तक सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का या नकाब कोई पहनता है, तो उस पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.

जहां एक तरफ इटली में बुर्के और नकाब पर बैन लगाया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ जिस देश ताजिकिस्तान में 90 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं वहां पर साल 2024 में बुर्के और हिजाब पर बैन लगाया गया है. हिजाब और बुर्का जैसे इस्लामिक पहनावे पर रोक लगाई हुई है.

क्यों लगाया गया था बैन?

साल 2024 में ताजिकिस्तान की सरकार ने हिजाब पहनने पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. दरअसल, यह बैन इसीलिए लगाया गया था क्योंकि हिजाब को विदेशी पहनावा कहा गया था. ताजिकिस्तान में लगभग 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम होने के बाद भी देश के राष्ट्रपति रहमान का मानना था कि हिजाब ताजिक संस्कृति का हिस्सा नहीं है. इसीलिए इसको बैन किया गया.

इस संशोधन में ऑन रेगुलेशन ऑफ हॉलिडेज एंड सेरेमनीज नामक मौजूदा कानून को बदला गया और उन सभी कपड़ों के आयात, बिक्री, प्रचार और पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिन्हें राष्ट्रीय संस्कृति के लिए विदेशी माना गया है.

कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माना

इसमें हिजाब समेत इस्लाम से जुड़े अन्य पहनावे जैसे बुर्का और निकाब को भी शामिल किया गया है. इस कानून का उल्लंघन करने पर 7,920 सोमोनी (लगभग 747 डॉलर) से लेकर 39,500 सोमोनी (लगभग 3,724 डॉलर) तक का जुर्माना भी लगाया गया है.

हिजाब पर प्रतिबंध राष्ट्रपति रहमान के उन कई कदमों में से एक है, जिनके जरिए वो ताजिक संस्कृति को बढ़ावा देना और सार्वजनिक रूप से धर्म के प्रदर्शन को कम करना चाहते हैं.

2018 में सरकार ने महिलाओं के लिए एक 376 पन्नों की गाइडबुक जारी की जिसमें बताया गया कि कौन से कपड़े स्वीकार्य हैं — इसमें रंग-बिरंगे स्कार्फ को सिर के पीछे बांधना पारंपरिक रूप से स्वीकार्य बताया गया, लेकिन चेहरे और गले को ढकने पर रोक लगाई गई. काले कपड़ों पर भी रोक है और अंतिम संस्कार में नीले परिधान और सफेद स्कार्फ की सिफारिश की गई है.

इटली में बैन लगाने की तैयारी

इटली में भी बुर्के पर बैन लगाने की तैयारी की जा रही है. ब्रदर्स पार्टी ऑफ इटली के सांसद गैलेजो बिग्नामी के मुताबिक इस विधेयक को लाने का मकसद सभी तरह के उग्रवाद को खत्म करना है. पार्टी का कहना है कि वो एक समाज बनाना चाहते हैं. समानांतर समाज की कोई स्थापना इटली में न हो.

पार्टी की एक और सांसद एंड्रिया डेलमास्ट्रो ने कहा- फ्रांस से हमने प्रेरणा ली है. सभी लोग यहां एक जैसे रहेंगे. धार्मिक आजादी जरूरी है, लेकिन इटली के राज्यों का सिद्धांत को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है.

विधेयक को पेश करने वालीं सारा केलोनी का कहना है कि शरिया कानून को इटली कानून से ऊपर नहीं रखा जाता है.

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Pradesh Samna
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