बंगाल में ‘SIR’ पर तकरार: CM ममता बनर्जी ने कहा- केंद्र की यह नीति राज्य में लागू नहीं होगी देश By Nayan Datt On Oct 9, 2025 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन यानी SIR पर केंद्र सरकार को चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि बंगाल में एसआईआर नहीं लागू होने देंगे. ममता ने कहा पश्चिम बंगाल अलग है. सीएम ने ये भी कहा कि SIR की चर्चाओं से बंगाल को अलग रखा जाता है. अधिकारियों को बैठकों में बुलाकर धमकाया जा रहा है. यह भी पढ़ें भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान’ कब होगा लॉन्च?… Oct 15, 2025 दिल्ली में पटाखे बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: हरी… Oct 15, 2025 ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि यहां अलग-अलग समुदाय के लोग हैं, देखते हैं आप वोटरों को कैसे हटाते हैं. ममता ने कहा कि बिहार में वे इसे इसलिए कर पाए क्योंकि बिहार में एनडीए की सरकार है और वहां की एजेंसियों ने इसमें मदद की. मगर लेकिन बंगाल की सामुदायिक संरचना बिल्कुल अलग है. यहां हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों के अलावा, अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं. अल्पसंख्यक समूहों- प्रवासी मजदूरों को NRC नोटिस पहले ही भेजे जा चुके हैं. ममता ने SIR को बताया फर्जी उन्होंने कहा कि SIR एक तरह का फ्रॉड है. इसमें जनता को शामिल नहीं किया जाता बल्कि कुछ अधिकारियों को बैठकों में बुलाकर धमकाया जाता है और राज्य सरकार को इन चर्चाओं से पूरी तरह बाहर रखा जाता है. पश्चिम बंगाल के सीईओ के खिलाफ भी कई शिकायतें हैं, जिनका खुलासा मैं सही समय पर करूंगी लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह इस ओवर रिएक्ट नहीं करेंगे. वह कई अधिकारियों को धमकाते रहे हैं. SIR की आड़ में नाम हटाने की कोशिश मुख्यमंत्री ने कहा कि SIR की आड़ में असली वोटरों के नाम हटाने की कोशिश हो रही है. असम सरकार बंगाल के वोटरों को सूचना कैसे भेज सकती है? SIR शुरू होने से पहले ही एक केंद्रीय मंत्री डेढ़ करोड़ वोटरों के नाम हटाने की घोषणा कैसे कर सकते हैं? हम चुनाव आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर लोकतंत्र का ताना-बाना बुनते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के स्तंभ संविधान और आम जनता हैं. किसी को भी किसी नागरिक के वोट के अधिकार को छीनने का अधिकार नहीं है. दिल्ली में एक ‘मीर जाफर’ भी बैठा है ममता ने कहा कि मैंने सुना है कि गृह मंत्री ने एक पार्टी मीटिंग में वोटरों के नाम हटाने का जिक्र किया था. मगर उन्हें यह अधिकार किसने दिया? लोगों को बाहर करके लोकतंत्र नहीं चल सकता यह SIR नहीं, बल्कि पिछले दरवाजे से NRC है. हम बीजेपी सरकार और उसके निर्देशों पर काम करने वाली केंद्रीय एजेंसियों की कड़ी निंदा करते हैं, जो शिक्षा से लेकर त्योहारों तक, हर चीज का राजनीतिकरण और भगवाकरण कर रही हैं. ममता ने कहा कि दिल्ली में तो एक ‘मीर जाफर’ भी बैठा है. उन्हें लगता है कि वे सब कुछ नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन अगर वे इसी तरह चलते रहे, तो सच्चाई सामने आ जाएगी, पोल खुल जाएगी. अगर असली मतदाताओं को हटाया गया, तो बंगाल के लोग ऐसा जवाब देंगे जैसा कोई और राज्य नहीं दे सकता. Share