उत्तराखंड विधानसभा से बड़ा कदम: मदरसा बोर्ड खत्म करने वाले विधेयक को मिली मंजूरी, अब क्या होगा मदरसों का भविष्य? उत्तराखंड By Nayan Datt On Oct 7, 2025 उत्तराखंड सरकार ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 पास कर दिया है. इसके अंतर्गत प्रदेश की शिक्षा में कई बदलाव किए जा रहे हैं. उत्तराखंड में इस विधेयक के बाद मदरसा बोर्ड को खत्म कर दिया जाएगा और सभी मदरसों को उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से आधिकारिक मान्यता लेनी होगी. धामी सरकार ने इसे अल्पसंख्यक शिक्षा को मुख्यधारा के पाठ्यक्रम के साथ जोड़ने की दिशा में एक कदम बताया है. यह भी पढ़ें युवाओं को मौका: उत्तराखंड में जल्द शुरू होंगी स्किल और… Oct 8, 2025 केदारनाथ यात्रियों के लिए जरूरी खबर: 12 अक्टूबर तक… Oct 6, 2025 वहीं इसे समान शिक्षा प्रणाली की ओर एक अहम फैसला माना जा रहा है. इसके लागू होने के बाद सभी अल्पसंख्यक स्कूल नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को अपनाएंगे. इस विधेयक के जरिए सरकार सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी अच्छी और आधुनिक शिक्षा मिले. मुख्यधारा से जुड़ेंगे मदरसे उत्तराखंड सरकार का यह फैसला शिक्षा व्यवस्था में ‘समानता और आधुनिकता’ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. इसके लागू होने के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां मदरसा बोर्ड नहीं होगा और अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली (Mainstream Education System) में जोड़ा जाएगा. हालांकि इस विधेयक से मुस्लिम संगठनों में यह चिंता है कि इस कानून के परिणामस्वरूप संविधान के अनुच्छेद 26 और 30 के का हनन हो सकता है, जो उन्हें शैक्षणिक संस्थान चलाने और धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार देता है. बनाया जाएगा अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण कैबिनेट के इस विधेयक के मुताबिक राज्य सरकार माइनॉरिटी के एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन मान्यता देने के लिए अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण (SMEA) बनाएगी. मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या पारसी समुदायों की ओर से खोले गए शैक्षणिक संस्थानों को SMEA से औपचारिक मान्यता प्राप्त करनी होगी. सरकार कि ओर से दावा किया गया है कि यह अधिनियम अल्पसंख्यक संस्थानों के निर्माण और संचालन में हस्तक्षेप नहीं करेगा, बल्कि अच्छी शिक्षा सुनिश्चित करेगा. Share