हिमाचल में बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति को और अधिक डरावना बना दिया है। पंजाब का कोई भी जिला इस समय बाढ़ के प्रकोप से अछूता नहीं है। राज्य सरकार पंजाब को प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त राज्य घोषित कर चुका है, क्योंकि सभी 23 जिले इस समय बाढ़ से प्रभावित है। हालांकि पंजाब के सभी जिलों के शहर बाढ़ से सुरक्षित रहे, लेकिन गांवों की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है।
सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर चारों मिलकर इस समय पंजाब के गांवों को टापुओं में तब्दील कर चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पंजाब में अभी तक 4 लाख एकड़ से अधिक एरिया में फसल बाढ़ की चपेट में आकर नष्ट हो चुकी है और 1400 गांव बाढ़ में डूब चुके है। भाखड़ा डैम खतरे के निशान से महज 1.45 फुट दूर था और बी.बी.एम.बी. की तकनीकी कमेटी के आदेशों पर भाखड़ा डैम के फ्लड गेट 8 फुट तक खोल कर 75,000 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इसके बाद नंगल डैम के 18 फ्लड गेट सहित सभी 48 गेट खोल दिए गए।
पहले से उफान पर चल रहे सतलुज ने ओवर फ्लो होकर नंदल के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। बी.बी.एम.बी. और पंजाब सरकार के अनुसार बुधवार को भाखड़ा डैम का जलस्तर 1677.84 फुट पर था। डैम से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ गया। पौंग डैम का जलस्तर बुधवार को एक बार फिर 1394.47 फुट पर पहुंच गया। पौंग डैम में बुधवार को 1,60,183 क्यूसेक पानी की आमद हुई और डैम के फ्लड गेट से 99,985 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।