पहाड़ी नदियों में तबाही, कई टरबाइन बंद, बिजली उत्पादन भी घटा… क्या अंधेरे में डूब जाएगा उत्तराखंड? उत्तराखंड By Nayan Datt On Sep 3, 2025 उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश का असर अब विद्युत उत्पादन पर देखने को मिलने लगा है. उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) के ज्यादातर पावर हाउस के टरबाइन की रफ्तार नदियों में आई गाद और ओवरफ्लो की वजह से थम सी गई है. विद्युत उत्पादन क्षमता आधे से ज्यादा कम हो गई है. स्थिति सामान्य नहीं होने पर प्रदेश में बड़ा बिजली संकट पैदा हो सकता है. इससे बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान हो सकता है. साथ ही प्रदेशवासियों को भी काफी परेशानी हो सकती है. यह भी पढ़ें पहाड़ से SUV कार पर गिरा विशाल पत्थर, अंदर थी सवारियां, ऐसे… Sep 2, 2025 CM पुष्कर सिंह धामी का मास्टर स्ट्रोक, उत्तराखंड में वीरों… Sep 2, 2025 उत्तर भारत सहित देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश का असर कम होता नजर नहीं आ रहा है. बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान आदि राज्यों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई हैं. उत्तराखंड में भी नदियां-नाले उफान पर हैं. नदियां में पानी के साथ बड़े स्तर पर गाद भी बहकर आ रही है. गाद के कारण प्रदेश की विद्युत उत्पादन धीमी पड़ गई है. यूजेवीएनएल के पावर हाउस में लगे टरबाइन की रफ्तार नदियों में गाद और आवोरफ्लों की वजह से रुक गई है. कम हुई बिजली उत्पादन क्षमता 30 अगस्त को प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन क्षमता 23.715 मिलियन यूनिट रही, जबकि उत्पादन हानि 3.231 मिलियन यूनिट दर्ज की गई थी. एक आंकड़ा एक सितंबर को बहुत कम हो गया है. इस दिन उत्पादन क्षमता घटकर 12.474 मिलियन यूनिट रह गई है. वहीं उत्पादन हानि बढ़कर 13.853 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई. नदियों में अत्यधिक गाद आने से छिबरो, खोदरी, चीला और ढालीपुर समेत कई जलविद्युत परियोजनाओं की टरबाइन बंद करनी पड़ी हैं. टरबाइन पर पड़ रहा असर हालांकि, कम बिजली खपत से राहत मिली है. बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, गाद जमने से टरबाइन पर दबाव बढ़ जाता है और उपकरण खराब होने का खतरा रहता है. इस वजह से कई इकाइयों को सुरक्षा कारणों से बंद करना पड़ा है. हालांकि, मौजूदा समय में तापमान कम होने की वजह से बिजली की खपत भी घटी है. इससे मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बना हुआ है और बड़े पैमाने पर संकट की स्थिति फिलहाल टली हुई है. Share