न रोटी, न राहत…गाजा में भूख का कहर, मगर ‘अकाल’ अब तक घोषित क्यों नहीं? विदेश By Nayan Datt On Jul 29, 2025 गाजा में जिंदगी अब नमक और पानी के भरोसे है. लोग भूख से मर रहे हैं. दक्षिण गाजा के अस्पताल अब बमबारी के घायलों से नहीं, कुपोषण से तड़पते बच्चों से भरे पड़े हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि हर तीसरा गाजावासी कई दिनों तक भूखा रहता है. मगर हैरानी की बात ये है कि इन सबके बावजूद अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं अब तक इसे “अकाल” घोषित करने से बच रही हैं. यह भी पढ़ें ईरान का बड़ा और हैरान करने वाला कदम! पाकिस्तान के बॉर्डर पर… Nov 14, 2025 PAK vs SL: श्रीलंकाई खिलाड़ियों के फैसले से PCB अध्यक्ष… Nov 13, 2025 गाजा में भूख का ये मंजर अब इतना भयावह हो चुका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक को बयान देना पड़ा. स्कॉटलैंड दौरे पर उन्होंने गाजा से आई भूखे बच्चों की तस्वीरों को डरावना बताया और कहा कि इजराइल को अब युद्ध पर फैसला लेना चाहिए. उधर, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में भुखमरी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा है कि गाजा में न तो कोई भुखमरी है और न ही हमारी ऐसी कोई मंशा अकाल कब घोषित होता है? संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और बाकी अंतरराष्ट्रीय संगठन भूख की स्थिति को मापने के लिए एक पैमाना अपनाते हैं. IPC यानी Integrated Food Security Phase Classification. इसमें पांच स्तर होते हैं. IPC का लेवल 5 मतलब फेमिन, यानी भयानक भूख का संकट. फेमिन घोषित होने के लिए तीन शर्तें होनी चाहिए. 1. कम से कम 20% परिवारों को खाना मिलना पूरी तरह बंद हो जाए. 2. 30% से ज्यादा बच्चे अक्यूटली कुपोषित हों. 3. हर दिन 10,000 में से दो वयस्क या चार बच्चों की भूख से मौत हो रही हो. गाजा में ये तीनों स्थितियां मौजूद हैं. फिर भी IPC ने अब तक इसे फेमिन ज़ोन घोषित नहीं किया है. मौत के आंकड़े, मदद का सूखा 2 मार्च 2025 से जब इज़राइल ने गाज़ा पर पूरी तरह से नाकेबंदी की, तभी से हालात तेजी से बिगड़ते गए. UNRWA (संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीन सहायता एजेंसी) ने 20 जुलाई को कहा कि 10 लाख बच्चे भूख की कगार पर हैं. ICC यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के नियम कहते हैं कि युद्ध में आम नागरिकों को भूखा रखना युद्ध अपराध है. गाजा में जो कुछ हो रहा है, वो इसी श्रेणी में आता है. महीनों से किसी भी तरह की मदद को अंदर जाने नहीं दिया गया. भूख से मदद तक मार गाजा में खाने की मदद पाने पहुंचे लोगों को भी अब जान गंवानी पड़ रही है. गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन के नाम से चलने वाले कथित मदद केंद्रों पर अब तक 900 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इनमें से कई विदेशी भाड़े के सैनिकों की गोली का शिकार हुए. आज की दुनिया में जहां स्मार्टफोन से रियल टाइम अपडेट मिलते हैं, वहां गाजा की भूखमरी कोई गुप्त या अज्ञात आपदा नहीं है. Share