एयरइंडिया ने बताया क्यों है बोइंग पर निर्भर, संसदीय समिति के सामने रखी कई चीजें गुजरात By Nayan Datt On Jul 16, 2025 एयर इंडिया ने संसदीय समिति के सामने कहा कि वह अपनी उड़ानों के रखरखाव के लिए बोइंग कंपनी पर निर्भर है. एयर इंडिया स्पेयर पार्ट्स के लिए बोईंग कंपनी पर निर्भर है. जिससे एयरक्राफ्ट रखरखाव पर असर पड़ रहा है. इसी को लेकर एयर इंडिया ने संसद की एक स्थायी समिति के सामने एक अहम प्रजेंटेशन पेश की. यह भी पढ़ें अलकायदा टेरर मॉड्यूल: गुजरात ATS को बड़ी कामयाबी, अब तक 5… Jul 30, 2025 अहमदाबाद: स्कूल की बालकनी में चाबी का छल्ला घुमाते हुए जा… Jul 26, 2025 9 जुलाई को स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में ही एयर इंडिया ने इस मामले को समिति के सामने रखा. प्रजेंटेशन में कंपनी ने स्वीकार किया कि पुराने बेड़े, रखरखाव की खामियों और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता जैसे कई गंभीर मुद्दे संचालन को प्रभावित कर रहे हैं. एयर इंडिया ने समिति के सामने क्या-क्या रखा? पुरानी फ्लीट की विश्वसनीयता कम एयर इंडिया के पुराने विमानों की देखभाल में भारी लागत और समय लगता है, जिससे उड़ानों में देरी और तकनीकी दिक्कतें सामने आती हैं. बोइंग द्वारा नियंत्रित जरूरी स्पेयर पार्ट्स एयर इंडिया अपने कुछ अहम कलपुर्जों के लिए बोइंग पर निर्भर है, जिससे मरम्मत में विलंब होता है. मेंटेनेंस स्लॉट की कमी विमानों के स्थानांतरण की वजह से समय पर मरम्मत नहीं हो पा रही है. आउटस्टेशन पर स्पेयर की अनुपलब्धता विदेशी स्थानों पर विमान खड़े रह जाते हैं क्योंकि पास में जरूरी पार्ट्स नहीं होते. AIESL (मेंटेनेंस यूनिट) की कार्यक्षमता पर सवाल मेंटेनेंस की गुणवत्ता को लेकर अंदरूनी कमजोरियां पाई गईं. टाटा अधिग्रहण से पहले के पुराने अनुबंध पुराने कॉन्ट्रैक्ट अब काम के लायक नहीं रहे. सुरक्षा के लिए उठाए कदम एयर इंडिया ने दावा किया कि अब वे सेफ्टी पॉज के तहत कई प्रो-एक्टिव स्टेप्स पर काम कर रहे हैं: MEL (Minimum Equipment List) का सीमित और जिम्मेदार इस्तेमाल डोर सील्स का प्रतिस्थापन और AHM (Aircraft Health Monitoring) की सख्त निगरानी Boeing से 24×7 सहयोग ताकि उड़ानों में देरी न हो फास्ट ट्रैक मेंटेनेंस और कंपोनेंट अपग्रेड्स ग्राहक रिपोर्ट्स पर त्वरित कार्रवाई सॉफ्ट-लाइफ इंस्पेक्शन प्रोग्राम्स की शुरुआत AAIB की जांच रिपोर्ट आई सामने अहमदाबाद से लंदन जा रही एयरइंडिया की फ्लाइट 12 जून को क्रैश हो गई थी. इसी के बाद शनिवार को AAIB की शुरुआती क्रैश रिपोर्ट सामने आई है. इस 15 पन्नों की रिपोर्ट में पाया गया कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजनों में ईंधन खत्म हो गया था. दरअसल, रिपोर्ट में बताया गया कि फ्यूल कट-ऑफ पर चला गया था. इसी के बाद इसको फौरन रन किया गया. इस प्लेन क्रैश में 260 लोगों की मौत हो गई. एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171 की शुरुआती दुर्घटना रिपोर्ट में विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच में गंभीर खराबी की बात सामने आने के कुछ ही दिनों बाद, दुनिया भर के विमानन नियामक और एयरलाइंस बोइंग 787 और 737 विमानों में इसी तरह के तंत्र का निरीक्षण किया गया. फिलहाल, सिर्फ दो भारतीय विमानन कंपनियां – एयर इंडिया और इंडिगो – ही प्रभावित विमानों का संचालन कर रही हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया अपने बोइंग बेड़े के लगभग 50% विमानों की जांच कर चुकी है और अब तक ईंधन स्विच के लॉकिंग तंत्र में कोई खराबी नहीं पाई है. Share