मुगल निर्दयी और क्रूर…बदल गई 8वीं की NCERT किताब, आचार्य कणाद के परमाणु विचार पर भी चैप्टर देश By Nayan Datt On Jul 16, 2025 एनसीईआरटी की 8वीं क्लास की नई सामाजिक विज्ञान की किताब में मुगल शासकों को लेकर कुछ सख्त बातें लिखी गई हैं. किताब में बाबर को ‘बहुत ही निर्दयी और क्रूर विजेता’ कहा गया है, जिसने कई शहरों की पूरी आबादी को मरवा दिया. वहीं, अकबर के बारे में लिखा गया है कि उसका शासन एक तरफ से सहनशील था, लेकिन उसमें जालिम फैसले भी थे. इसके अलावा औरंगज़ेब के बारे में कहा गया है कि उसने कई मंदिरों और गुरुद्वारों को तुड़वाया. यह भी पढ़ें डोनाल्ड ट्रंप में चाचा चौधरी जैसे गुण… मनोज झा ने कहा-… Jul 30, 2025 कहां से लाते हैं ऐसे लेखक… जब सिंदूर ही उजड़ गया फिर ऑपरेशन… Jul 30, 2025 इसके साथ ही किताब में एक जरूरी चेतावनी भी दी गई है कि इतिहास में जो गलतियां या घटनाएं हुई हैं, उसके लिए आज के समय में किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए यानी आज की पीढ़ी को बीते वक्त के झगड़ों को दोहराना नहीं चाहिए. क्या लिखा है किताब में? मुगलों और दिल्ली सल्तनत के समय को ‘धार्मिक असहिष्णुता’ और हिंसा से भरा समय बताया गया है, जिसमें कई बार गांवों और शहरों को लूटा गया, मंदिरों और ज्ञान के केंद्रों को तबाह किया गया. किताब में कहा गया है कि यह समय इतिहास का ‘काला दौर’ था. इसके साथ ही एक स्पेशल नोट में कहा गया है कि ‘इतिहास को समझना जरूरी है, लेकिन उसकी वजह से आज के लोगों को दोष नहीं देना चाहिए’. अब क्यों हो रही है चर्चा? इस किताब का नाम है ‘Exploring Society: India and Beyond’ और इसे इस हफ्ते ही स्कूलों में पढ़ाने के लिए जारी किया गया है. इससे पहले मुगलों और दिल्ली सल्तनत के बारे में जानकारी 7वीं क्लास में दी जाती थी, लेकिन अब नए सिलेबस में ये सब 8वीं में लाया गया है. सल्तनत काल सैन्य अभियानों से भरा नई किताब में 13वीं से 17वीं शताब्दी तक के भारतीय इतिहास को कवर करने वाले चैप्टर ‘भारत के राजनीतिक मानचित्र का पुनर्निर्माण’ में दिल्ली सल्तनत के उत्थान और पतन और उसके प्रतिरोध, विजयनगर साम्राज्य, मुगलों और उनके प्रतिरोध और सिखों के उत्थान पर प्रकाश डाला गया है. इसमें सल्तनत काल को राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य अभियानों से भरा बताया गया है. सल्तनत और मुगलों पर आधारित खंडों में मंदिरों पर हमलों और कुछ शासकों की क्रूरता के कई संदर्भ हैं, जिनमें से किसी का भी उल्लेख कक्षा 7वीं की उस पुरानी एनसीईआरटी पुस्तक में नहीं है, जिसमें छात्रों को इतिहास के इस काल के बारे में बताया गया था. साइंस की नई किताब में प्रारंभिक भारतीय खोज नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 8वीं कक्षा के लिए साइंस की भी नई किताब तैयार की है. एनसीईआरटी की ये नई किताब आधुनिक विज्ञान को प्रारंभिक भारतीय खोजों से जोड़ती है. किताब में प्राचीन दार्शनिक आचार्य कणाद की परमाणु की अवधारणा से लेकर गणितज्ञ भास्कर द्वितीय की जल-पात्र खगोल विज्ञान तकनीकों के बारे में बताया गया है. इसके अलावा किताब में कामस्य (तांबे और टिन का एक मिश्र धातु) जैसी मिश्र धातुओं के औषधीय उपयोग और आधुनिक टीकों से पहले चेचक से निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पारंपरिक वैरियोलेशन विधि के बारे में भी बताया गया है. Share