20 सीक्रेट तहखाने, दुबई के मौलाना से ट्रेनिंग, किताबें छापकर फैलानी थी नफरत; छांगुर के शैतानी दिमाग में क्या चल रहा था? उत्तरप्रदेश By Nayan Datt On Jul 15, 2025 उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था. एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर अपने गुर्गों को प्रशिक्षण देने के लिए दुबई से मौलाना बुलाता था और नेपाल में सक्रिय दावत-ए-इस्लामी की टीम के साथ मिलकर धर्मांतरण की साजिश रच रहा था. यह भी पढ़ें कांवड़ रूट के ढाबों पर QR कोड का मामला, SC का योगी सरकार को… Jul 15, 2025 डूब गए मंदिर, ढह गया पुल, बह गई भैंसें… यूपी में मानसून से… Jul 15, 2025 एटीएस के अनुसार, छांगुर ने बलरामपुर में दो आलीशान कोठियों का निर्माण कराया था, जिनमें तहखाने जैसे गुप्त कक्ष बनाए गए थे. इन कक्षों में धर्मांतरण के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते थे. छांगुर ने 20 कक्षों में नियमित तकरीर (धार्मिक प्रवचन) शुरू करने की योजना बनाई थी. इसके लिए उसने प्रदेश के कई कट्टर मौलानाओं से संपर्क साधा था. हिंदू श्रमिकों को बनाया निशाना छांगुर ने हिंदू श्रमिकों और गरीब परिवारों को निशाना बनाया. पैसे का लालच देकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जाता था. इस मुहिम को और प्रभावी बनाने के लिए उसने ‘शिजर-ए-तयब्बा’ नामक किताब तैयार की थी, जिसका उद्देश्य इस्लाम को आसान भाषा में समझाकर लोगों को आकर्षित करना था. जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर की अगली योजना हिंदू देवी-देवताओं के प्रति घृणा फैलाने वाली किताबें छापने की थी. इन किताबों के जरिए वह हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर धर्मांतरण को और तेज करने की फिराक में था. कोठियों की तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन को हिरासत में लिया. कोठियों की तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद की गई है. पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है. छांगुर बाबा, बलरामपुर के रेहरामाफी गांव का रहने वाला है. बचपन में वह साइकिल पर नग-रत्न और अंगूठियां बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाता था. पिछले 15 वर्षों में छांगुर ने 3,000 से 4,000 हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया. उसका नेटवर्क न सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित था, बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि नेपाल तक फैला हुआ था. इस पूरे षड्यंत्र में उसकी सबसे बड़ी साथी थी नीतू उर्फ नसरीन, जो उसकी करीबी सहयोगी और राजदार थी. नीतू और उसके पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन—जो मूल रूप से मुंबई के रहने वाले हैं—ने इस धर्मांतरण नेटवर्क को संगठित और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. Share