रणबीर कपूर पर लगा 4000 करोड़ का दांव! अरुण गोविल की ‘रामायण’ ने महज इतने पैसों में रच दिया था इतिहास
रणबीर कपूर के साथ ‘रामायण’ बनाने का फैसला कर नितेश तिवारी ने एक बार फिर से लोगों के जहन में एक सवाल पैदा कर दिया है कि आखिर इस बार क्या नया देखने को मिलेगा? सभी जानते हैं कि ‘रामायण’ वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य है, जिसमें श्रीराम की गाथा है. इस गाथा से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. ‘रामायण’ पर अभी तक कई फिल्में और टीवी शो बनाए जा चुके हैं. इसे बनाने के लिए करोड़ों का खर्चा भी किया जा चुका है. लेकिन ‘रामायण’ पार्ट 1 और ‘रामायण’ पार्ट 2 के बजट ने लोगों की धड़कने ही बढ़ा दी हैं. फिल्म के दो पार्ट्स बनाने के लिए प्रोड्यूसर नमित मल्होत्रा ने जितनी कीमत खर्च की है, उसमें 10-12 फिल्में आसानी से बन सकती हैं. ‘रामायण’ 4000 करोड़ में बनाई जा रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 38 साल पहले रामानंद सागर ने टीवी के लिए बनाई गई ‘रामायण’ पर कितना खर्चा किया था?
38 साल पहले रामानंद सागर ने लोगों को भगवान श्रीराम की कहानी दिखाने का फैसला किया, जिसे सभी ने भर-भरकर प्यार दिया. आज भी टीवी की पुरानी ‘रामायण’ की लोगों के दिलों में खास जगह है. इसे देखने के बाद लोग असल में अरुण गोविल को भगवान राम की तरह पूजने लगे थे. साल 1987 से 1988 तक दूरदर्शन पर इसका प्रसारण हुआ था. कोरोना महामारी के दौरान एक बार फिर से लोगों को इसे दिखाया गया. लेकिन इसे बनाने में मेकर्स ने कितने करोड़ का खर्चा किया, इसकी जानकारी कम ही लोगों को है.
रणबीर की ‘रामायण’ पर खेला 4000 करोड़ का दांव
जब से रणबीर कपूर की ‘रामायण’ का बजट सामने आया है, तभी से टीवी की ‘रामायण’ का बजट और सितारों की फीस के चर्चे होने लगे हैं. 38 साल पहले बिना किसी VFX और बड़ी टेक्निक के जो ‘रामायण’ बनाई गई थी, आज भी लोग उसे भुला नहीं पाए हैं. ये बात हर तरफ छाई हुई है कि नितेश तिवारी के साथ मिलकर नमित मल्होत्रा ने ‘रामायण’ पर 4000 करोड़ की लागत लगा दी है. इसमें स्पेशल VFX और बड़ी-बड़ी टेक्निक्स का इस्तेमाल किया गया है. मेकर्स लोगों को एक अनोखा एक्सपीरियंस देने की कोशिश में पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं.
कितना था रामानंद सागर की ‘रामायण’ का बजट?
लेकिन 80 के दशक में बनी ‘रामायण’ ने इतिहास रचा था. रामानंद सागर ने टीवी के इतिहास का सबसे सक्सेसफुल और रिकॉर्ड ब्रेकिंग सीरियल बनाकर लोगों को हैरान कर दिया था. इस शो का बजट बेहद कम था. रामानंद सागर की ‘रामायण’ में कुल 78 एपिसोड थे. वहीं रिपोर्ट की मानें तो एक एपिसोड को बनाने के लिए मेकर्स ने उस दौरान 9 लाख रुपये का खर्चा किया था. इस हिसाब से देखा जाए तो टीवी की ‘रामायण’ पर कुल 7 करोड़ का टोटल खर्चा हुआ था. जो देखा जाए तो रणबार कपूर की ‘रामायण’ के बजट के आगे नाखून बराबर भी नहीं है. कोरोना में जब दोबारा ‘रामायण’ को ऑन एयर किया गया तो ये TRP के मामले में नंबर 1 पर आ गई. वहीं, फिर से शो के किरदार भी दोबारा चर्चा में आ गए थे. ‘रामायण’ में अरुण गोविल ने भगवान राम का किरदार निभाया था, सीता के किरदार में दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण के रोल में सुनील लहरी नजर आए थे.
कहां हुई थी टीवी की ‘रामायण’ की शूटिंग?
टीवी के शोज को यूं तो मुंबई में ही शूट किया जाता है. ऐसे में हर कोई यही सोचता होगा कि रामानंद सागर ने भी ‘रामायण’ के लिए मुंबई में ही सेट बनाया होगा. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस शो कि शूटिंग मुंबई से दूर की गई थी. इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस धार्मिक सीरियल की शूटिंग गुजरात के उमरगांव में की गई थी. शूटिंग लोकेशन को मुंबई से 170 किलोमीटर दूर रखा गया था. जहां प्राकृति के बीच ‘रामायण’ का बड़ा सेट बनाकर तैयार करवाया गया था. इसके सेट को हीराभाई पटेल नाम के व्यक्ति ने डिज़ाइन किया था. हालांकि इतनी दूर सेट होने की वजह से शो की स्टार कास्ट को ट्रवल करने में बड़ी परेशानी हुआ करती थी. ज्यादातर सितारे मुंबई में रहते थे, ऐसे में उन्हें रोजाना ट्रेन से सफर करना पड़ता था.
550 दिनों तक चली थी ‘रामायण’ की शूटिंग
वहीं शहर से इतनी दूर लोकेशन चुनने का फैसला रामानंद सागर ने बड़े ही सोच-समझ के साथ लिया था. वह चाहते थे कि ‘रामायण’ को प्राकृति के बीच तैयार किया जाए. वहां शहर के शोर-शराबे की कोई आवाज न पहुंचे. लोग शांति के साथ मन लगाकर काम कर पाएं. ‘रामायण’ के किरदारों के जीवन को जीने के लिए सितारों के मन का शांत रहना काफी जरूरी था. हालांकि कहा तो ये भी जाता है कि उस दौरान उमरगांव में शूटिंग के लिए जगह काफी कम कीमत में मिल जाया करती थी. वहीं 550 दिनों तक मेकर्स ने सितारों के साथ ‘रामायण’ की शूटिंग की थी.
जब VFX की नहीं थी कोई सुविधा
रणबीर कपूर की ‘रामायण’ में भर-भरकर VFX का इस्तेमाल किया जाएगा. इस बात का अंदाजा फिल्म के छोटे से टीजर से लग भी जाता है. मेकर्स ने बड़ी-बड़ी टीम हायर की हैं, ताकि फिल्म के VFX और टेक्निक्स में कोई भी कमी न रहे. लेकिन जब रामानंद सागर ने अपना धार्मिक शो बनाना शुरू किया था, तो उनके पास उस वक्त ऐसी कोई भी सुविधा नहीं थी. रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने खुलासा किया था कि शूटिंग के वक्त उनके पिता ने कोहरे के लिए अगरबत्ती के धुएं का इस्तेमाल किया था. जब सुबह के सीन के लिए शूटिंग करनी होती थी तो अगरबत्ती के धुएं से कोहरा तैयार किया जाता था, जो स्क्रीन पर बेहतरीन लगता था. इतना ही नहीं जब रात के सीन शूट किए जाते थे, तो रुई से बादल बनाकर टांग दिए जाते थे. बिना किसी बड़े तामझाम और वीएफएक्स के भी रामनंद सागर ने ‘रामायण’ को सादगी के साथ लोगों के दिलों तक पहुंचाया. अब देखना दिलचस्प होगा कि 4000 करोड़ लगाकर क्या नितेश तिवारी और नमित मल्होत्रा 38 साल पहले बने शो को टक्कर दे पाएंगे.