स्कूल में पढ़ाया-हमले में दोनों पैर गंवाए… जानें कौन हैं राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले सदानंदन मास्टर हिमाचल प्रदेश By Nayan Datt On Jul 13, 2025 राज्यसभा में मनोनीत हुए सदस्य सदानंदन मास्टर को यहां तक पहुंचने से पहले कई तरह की कठिनाइयों से होकर गुजरना पड़ा. 25 जनवरी 1994 का वह काला दिन शायद ही सदानंद मास्टर कभी भूल पाएंगे. उस दिन उनके ऊपर अचानक हुए हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए. सदानंदन ने अपनी शारीरिक विकलांगता को कभी अपनी सोच पर हावी नहीं होने दिया. उन्होंने धमकियां मिलने के बावजूद भी लोगों के हित के लिए सामाजिक और राजनीतिक कार्य करना जारी रखा. यह भी पढ़ें कब्रिस्तान की घेराबंदी-कई नजरबंद… कश्मीर में आज क्या हो रहा,… Jul 13, 2025 जम्मू कश्मीर: अमरनाथ यात्रा के काफिले में कई बसों की टक्कर,… Jul 13, 2025 बता दें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को मनोनीत किया है. इन सदस्यों में प्रख्यात वकील उज्जवल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, सामाजिक कार्यकर्ता सदानंदन मास्टर और शिक्षा के क्षेत्र में निपुण मीनाक्षी जैन शामिल हैं. मनोनीत किए गए इन चारों सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में महारत हासिल की है. शादी का न्योता देकर घर लौट रहे थे सदानंदन 25 जनवरी 1994 का दिन था. सदानंदन अपनी बहन की शादी का न्योता देकर घर वापस आ रहे थे. वह जैसे ही कार से उतरकर अपने घर की तरफ चले, सीपीएम कार्यकर्ताओं के एक गिरोह ने उन पर अचानक हमला कर दिया. घर के अंदर जश्न का माहौल चल रहा था, क्योंकि 6 फरवरी को सदानंद की बहन की सगाई थी. हमलावरों ने पहले तो सदानंदन को घसीटा और फिर उनके दोनों पैर काट दिए. इतना करने पर भी जब उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने उनके पैरों को सड़क पर रगड़ा ताकि वह अपने पैरों की सर्जरी न करवा सकें. इस हमले के दौरान सदानंदन की उम्र मात्र 30 वर्ष की थी. जिस पार्टी से जुड़ा था परिवार, उसी के नेताओं ने काटे पैर सदानंदन मास्टर के परिवार के अधिकतर लोग कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे. सीपीएम के कुछ नेताओं से विवाद के होने की वजह से उन्होंने आरएसएस की विचारधारा को अपना लिया. जिसके बाद उन्होंने केरल के मट्टानूर में, जो सीपीएम का गढ़ माना जाता था, वहां आरएसएस के कार्यालय की स्थापना की. जिसके बाद सीपीएम के नेता भड़क गए और उन्होंने सदानंद पर 25 जनवरी 1994 में यह घातक हमला कर दिया. 25 साल तक शिक्षक के रुप में दी सेवा सदानंदन मास्टर ने इतनी कम उम्र में पैरों को गंवाने के बावजूद अपने संघर्षों से कभी हार नहीं मानी. उन्होंने कृत्रिम पैर लगवाकर अपने जीवन को फिर से एक नई जिंदगी दी. 1999 में उन्होंने त्रिशूर जिले के पैरामंगलम में स्थित एक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की. जहां उन्होंने 25 साल तक सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में सेवा दी. 2020 में वह शिक्षक के कार्य से रिटायर हो गए. शिक्षक के पद से रिटायर होने के बाद सदानंदन राजनीति में और अधिक सक्रिय रहने लगे थे. बीजेपी ने उन्हें 2021 में विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया था. इससे पहले उन्होंने 2016 में भी बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. राजनीतिक विरोधियों से सहने पड़े काफी अत्याचार राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद सी. सदानंदन मास्टर ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व का क्षण है क्योंकि पार्टी ने मुझ पर भरोसा दिखाया और इस काबिल समझा. उन्होंने कहा कि केरल की राजनीति के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है. सदानंदन ने कहा कि पार्टी का विकसित केरल और विकसित भारत का नारा बुलंद करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे. इसके आगे उन्होंने कहा कि केरल में राजनीतिक विरोधियों ने हमारे साथ काफी अत्याचार किए है. इन लोगों ने केरल की दुर्गति कर दी है. उन्होंने कहा कि कन्नूर जिले के पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए अपना जीवन तक समर्पित कर दिया है. मेरा कर्तव्य है कि मैं उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाऊं. #WATCH | Kannur, Kerala: On being nominated to the Rajya Sabha, social worker and educationist, C. Sadanandan Master says, “This is a proud moment because the party showed their confidence and hope in me. This is very important in the scenario of Kerala politics. The party is pic.twitter.com/SMUAPvFwMg — ANI (@ANI) July 13, 2025 प्रधानमंत्री मोदी ने सदानंदन को दी बधाई प्रधानमंत्री मोदी ने सदानंदन मास्टर की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने की भावना का प्रतीक है. मोदी ने कहा कि हिंसा और धमकी राष्ट्र के विकास के प्रति उनके जज्बे को रोक नहीं सकी. एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनके प्रयास सराहनीय हैं. मोदी ने कहा कि युवा सशक्तीकरण के प्रति उनकी गहरी आस्था है. पीएम ने सदानंदन को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर उन्हें शुभकामनाएं दी. Share