कब्रिस्तान की घेराबंदी-कई नजरबंद… कश्मीर में आज क्या हो रहा, जिससे उमर अब्दुल्ला परेशान, महबूबा मुफ्ती ने बताया कब खत्म होगी दिलों की दूरी हिमाचल प्रदेश By Nayan Datt On Jul 13, 2025 जम्मू-कश्मीर में 13 जुलाई नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) शहीद दिवस के तौर पर मनाना चाहती है. हालांकि प्रशासन की तरफ से इसकी अनुमति नहीं दी गई है. यही कारण है कि घाटी में सियासी पारा हाई है. सीएम उमर ने 1931 की उस घटना को जलियांवाला बाग बताया है. तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने कई नेताओं को गिरफ्तार और नजरबंद किया है. इस पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने आत्ततिदर्ज कराई है और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. यह भी पढ़ें स्कूल में पढ़ाया-हमले में दोनों पैर गंवाए… जानें कौन हैं… Jul 13, 2025 जम्मू कश्मीर: अमरनाथ यात्रा के काफिले में कई बसों की टक्कर,… Jul 13, 2025 पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जिस दिन आप हमारे नायकों को अपना मान लेंगे, ठीक वैसे ही जैसे कश्मीरियों ने महात्मा गांधी से लेकर भगत सिंह को अपनाया है. उस दिन, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार कहा था, “दिलों की दूरी” सचमुच खत्म हो जाएगी. महबूबा मुफ्ती ने बोला केंद्र पर हमला महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब आप शहीदों के कब्रिस्तान की घेराबंदी करते हैं, लोगों को मज़ार-ए-शहादा जाने से रोकने के लिए उन्हें उनके घरों में बंद कर देते हैं, तो यह बहुत कुछ कहता है. 13 जुलाई हमारे उन शहीदों को याद करता है, जो देश भर के अनगिनत अन्य लोगों की तरह अत्याचार के खिलाफ उठ खड़े हुए. वे हमेशा हमारे नायक रहेंगे. उन्होंने कहा कि अपनी नीतियों को जारी रखते हुए, हमारी पार्टी के कई नेता जैसे खुर्शीद आलम, ज़ोहैब मीर, हामिद कोहशीन, आरिफ लियागरू, सारा नईमा, तबस्सुम, बशारत नसीम और अन्य जो अपने घरों से चुपके से बाहर निकलने में कामयाब रहे, उन्हें पुलिस थानों में हिरासत में लिया गया है. वे मजार-ए-शुदा की ओर जा रहे थे. ऐसा लगता है कि हम उसी दमनकारी समय में वापस जा रहे हैं जिसके खिलाफ हमारे 13 जुलाई के शहीदों ने लड़ाई लड़ी थी. सरकार को इतना डर किस बात का- सीएम उमर सीएम उमर ने लोगों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि एक घोर अलोकतांत्रिक कदम के तहत, घरों को बाहर से बंद कर दिया गया है, पुलिस और केंद्रीय बलों को जेलर के रूप में तैनात किया गया है और श्रीनगर के प्रमुख पुलों को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह सब लोगों को उस ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण कब्रिस्तान में जाने से रोकने के लिए किया गया है, जहां उन लोगों की कब्रें हैं जिन्होंने कश्मीरियों को आवाज देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. मैं कभी नहीं समझ पाऊंगा कि कानून और व्यवस्था की सरकार को इतना डर किस बात का है. Share