जालंधर : नार्थ विधानसभा क्षेत्र में आती स्थानीय भगत सिंह कॉलोनी में इस बार भी मानसून लोगों के लिए परेशानी लेकर आ सकता है। अगर आने वाले दिनों में जरा सी भी ज्यादा बारिश हुई तो कालोनी में बाढ़ आ सकती है। गौरतलब है कि कॉलोनी में पानी की निकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था न होने के चलते हल्की सी बारिश में ही सड़कों पर पानी भर जाता है और आज भी पास से गुजरती काला संघिया ड्रेन के ओवरफ्लो होने का खतरा बना हुआ है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ड्रेन के किनारे बनी सुरक्षा दीवारें, जो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पक्के निर्माण के नाम पर तोड़ी गई थीं, उन्हें अब तक दोबारा नहीं बनाया गया है। निगम ने स्थानीय निवासियों को आश्वासन दिया था कि बरसात से पहले दीवारें बना दी जाएंगी, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ। हाल ही में नहर में एक छोटा बच्चा गिरने की घटना ने लोगों की चिंता को और गहरा कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ड्रेन और नहर की हालत बेहद खतरनाक है, जिस पर तुरंत कार्रवाई की ज़रूरत है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र के विधायक बावा हैनरी ने भी कुछ दिन पहले मौके का दौरा किया था और नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन को फोन करके स्थिति से अवगत करवाया था। इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। कॉलोनी में टूटी सड़कों के अलावा, सीवरेज जाम और स्ट्रीट लाइट्स के अभाव ने लोगों की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। कई गलियों में अंधेरा छाया रहता है, जिससे रात को चलना मुश्किल हो जाता है।
इस मौके पर पहुंचीं कांग्रेस की पार्षद आशु शर्मा, उनके पति नोनी शर्मा और अनमोल कालिया को स्थानीय लोगों ने ड्रेन और संभावित बाढ़ के खतरे के बारे में जानकारी दी। वहीं, आप पार्टी के नेता लखबीर सिंह लक्खा पर लोगों ने गुस्सा निकालते हुए आरोप लगाया कि चुनाव के समय नाले को बंद करवाने का वादा किया गया था, लेकिन वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ। भाजपा पार्षद गुरदीप फौजी पर भी लोगों ने नाराजगी जताई कि काम शुरू होने पर वह इलाके में नहीं आते।
पार्षद आशु शर्मा ने मेयर वनीत धीर और कमिश्नर गौतम जैन को गंदे नाले की स्थिति की वीडियो भेजकर मांग की है कि वह खुद अपनी पूरी टीम के साथ कॉलोनी का दौरा करें और स्थिति का जायजा लें। इस बीच, कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता मैनहोल की सफाई में तो जुट गए, लेकिन जब बाकी इलाकों की सफाई की बात आई तो कह दिया गया कि वह इलाका हमारे पार्षद का नहीं है, जिससे निगम में राजनीतिक भेदभाव और काम के बंटवारे की हकीकत भी उजागर हो गई।
बरसात से पहले भगत सिंह कॉलोनी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जनता ने नगर निगम से अपील की है कि वह चुनावी वादों से ऊपर उठकर जमीनी समस्याओं का समाधान करे, वरना आने वाले दिनों में यहां बाढ़ और दुर्घटनाओं की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।