इलाहाबाद हाईकोर्ट का यूपी सरकार को निर्देश, ऑनलाइन गेमिंग-सट्टेबाजी के लिए बनाए समिति टेक्नोलॉजी By Nayan Datt On Jun 13, 2025 यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया है जो इस बात की जांच करेगी कि क्या सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने की आवश्यकता है या नहीं? विनोद दिवाकर (जज) ने इस मामले में कहा कि जुआ अधिनियम 1867 केवल ताश के पत्ते जैसे खेल के नियमन (रेगुलेशन) तक ही केवल सीमित है और यह ब्रिटिश शासन के जमाने का कानून है. यह भी पढ़ें बिना पैसे खर्च किए देखें Netflix, एयरटेल के इन प्लान्स में… Jun 12, 2025 Axiom Mission-4 फिर हुआ स्थगित, शुभांशु शुक्ला को आज शाम… Jun 11, 2025 इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है कि यूपी सरकार के आर्थिक सलाहकार केवी राजू की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाना चाहिए जिसमें प्रमुख सचिव (राज्य कर) को सदस्य के रूप में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा विशेषज्ञ भी इस समिति के सदस्य हो सकते हैं. अदालत ने सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत आरोपी इमरान खान और एक अन्य आरोपी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है. ब्रिटिश जमाने का कानून इन आरोपियों को लेकर पुलिस का कहना है कि ये आरोपी घर से ऑनलाइन सट्टेबाजी का रैकेट चलाते हुए करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे थे. हाईकोर्ट ने सार्वजनिक जुआ अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये कानून डिजिटल युग से पहले का कानून है जिसमें सर्वर या सीमा पार लेनदेन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का जिक्र नहीं है और इसका प्रवर्तन भौतिक जुआ घर तक सीमित है और वर्चुअल गेमिंग इस कानून के दायरे में नहीं आता. अदालत ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मनोवैज्ञानिक रूप से चालाकीपूर्ण रिवार्ड प्रणाली और अधिसूचना का उपयोग करते हैं जिससे लोगों में गेमिंग की लत लग जाती है. कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन शर्त लगाने वाले कई गेम भारत से बाहर परिचालित होते हैं और लेनदेन का पूरा प्रोसेस अन्य चैनलों के जरिए होता है जिससे कानून प्रवर्तन की चुनौतियां पैदा होती हैं, यही नहीं इस वजह से वित्तीय धोखाधड़ी का भी खतरा पैदा होता है. Share