लद्दाख में नई आरक्षण नीति लागू, सरकारी नौकरियों में ST को मिलेगा 85% रिजर्वेशन देश By Nayan Datt On Jun 3, 2025 लद्दाख में आरक्षण की नई नीति लागू की गई है. इसके तहत सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 85 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. लद्दाख में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है. इसी को देखते हुए सरकारी नौकरियों में इस वर्ग के लिए 85 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है. यह उनके लिए किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है. यह भी पढ़ें कितने गेट खुले थे, तैयारी क्या थी और आयोजक कौन है? भगदड़ पर… Jun 5, 2025 RCB के खिलाफ FIR, विक्ट्री परेड के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम… Jun 5, 2025 वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था की गई है. सरकार ने अधिसूचान जारी कर इस बात की जानकारी दी है. दरअसल, कैबिनेट ने इस साल मार्च में नई आरक्षण नीति को मंजूरी दी थी, जिसे अब इसे लागू कर दिया गया है. मंत्रालय ने चर्चा के दौरान स्थानीय लोगों के लिए 95 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा था. किसको कितना आरक्षण अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए 85 फीसदी आरक्षण वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) या नियंत्रण रेखा (LoC) के साथ रहने वालों के लिए 4 फीसदी आरक्षण अनुसूचित जातियों के लिए 1 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू होंगे नई आरक्षण नीति का उद्देश्य स्थानीय हितों की रक्षा करना है. अनुच्छेद 370 को 2019 में हटाए जाने के बाद लद्दाख के लोग अपनी भाषा, संस्कृति और भूमि की रक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. सरकारी की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया कि आरक्षण किसी भी स्थिति में उपलब्ध रिक्तियों के 85% से अधिक नहीं होगा, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण शामिल नहीं है. इसमें ये भी कहा गया है कि नौकरियों, स्वायत्त परिषदों और डोमिसाइल में आरक्षण की नीतियों में बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू होंगे. डोमिसाइल का क्या मसला नए नियमों के मुताबिक, जो लोग लद्दाख में 15 साल तक रह चुके हैं या सात साल तक अध्ययन कर चुके हैं और लद्दाख के किसी शैक्षणिक संस्थान में क्लास 10th या 12th की परीक्षा में शामिल हुए हैं. वे लद्दाख के मूल निवासी होंगे. वहीं, जिन अधिकारियों ने 10 साल तक यहां सेवा की है, उनके बच्चे डोमिसाइल के पात्र होंगे. लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों में कुल सीट की एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे. उनकी मेहनत रंग लाई. इसके बाद इन सभी मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत की गई तब जाकर ये खुशखबरी सामने आई है. Share