अस्पताल में एक महीने तक सेवा करो… दिल्ली हाई कोर्ट ने पॉक्सो मामले के आरोपी को दी अनोखी सजा दिल्ली/NCR By Nayan Datt On Jun 3, 2025 पॉक्सो अपराध के तहत दोषी पाए गए एक शख्स को दिल्ली हाई कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को सरकारी अस्पताल में सामुदायिक सेवा करने और युद्ध हताहतों के लिए बने सैनिक कल्याण कोष में 50 हजार रुपये जमा करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया. यह भी पढ़ें कभी गैंगस्टर का मर्डर, कभी महिला पर फायरिंग… साकेत कोर्ट की… Jun 5, 2025 अगले सप्ताह दिल्ली में पीएम मोदी से मिलेंगी ममता बनर्जी,… Jun 5, 2025 जस्टिस संजीव नरूला ने एक नाबालिग स्कूली छात्रा को पैसे की मांग पूरी न करने पर उसकी निजी तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी देने वाले आरोपी के आचरण को अस्वीकार करते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार डिजिटल मंच के दुरुपयोग और सहमति एवं निजी गरिमा के प्रति चिंताजनक अनादर को दर्शाता है. कोर्ट ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर जताई चिंता कोर्ट ने कहा कि आरोप निस्संदेह गंभीर हैं, जिसमें एक नाबालिग लड़की के उत्पीड़न और शोषण के आरोप शामिल हैं जो सोशल मीडिया युग के नकारात्मक पहलुओं का प्रतीक है, जहां नियंत्रण करने, भय पैदा करने और गरिमा से समझौता करने के लिए प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग किया जाता है. ‘पीड़िता की निजता और सम्मान की चिंता’ कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर ऐसे आरोप लगे होने पर FIR रद्द नहीं की जा सकती, लेकिन पीड़िता की निजता और सम्मान की चिंता करते हुए कोर्ट यह आदेश दे रही है. दरअसल ये मामले स्कूल के एक सीनियर स्टूडेंट के जरिए एक नाबालिग स्टूडेंट को ब्लैकमेल कर उससे पैसे मांगने और नाबालिग की निजी तस्वीरें वायरल करने की धमकी से जुड़ा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी छात्र के व्यवहार को अस्वीकार बताया. सामुदायिक सेवा करने का निर्देश कोर्ट ने 27 मई के अपने फैसले में कहा, शिकायतकर्ता ने स्पष्ट रूप से इस स्थिति से आगे बढ़ने की इच्छा जाहिर की है और इस आपराधिक मामले के लंबित रहने से उस पर पड़ने वाले सामाजिक और भावनात्मक बोझ का जिक्र किया है, विशेष रूप से उसके विवाह सहित भविष्य की संभावनाओं के संदर्भ में. FIR को रद्द करते हुए कोर्ट ने आरोपी को जवाबदेही और आत्मचिंतन के उपाय के रूप में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया. साथ ही उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया और उसे यह राशि सैन्य कर्मियों के कल्याण कोष में जमा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जून में लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में एक महीने तक सामुदायिक सेवा करने और बाद में रजिस्ट्री में इसकी पुष्टि करने वाला प्रमाण पत्र दाखिल करने का आदेश दिया. Share