वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. इसके बाद आज अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.तीन दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली. आज सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में अपना पक्ष रखा. वहीं, राजस्थान सरकार और हरियाणा सरकार की ओर से पेश वकीलों ने केंद्र का समर्थन किया. जबकि याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, राजीव धवन, हुजैफा अहमदी और अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार की दलीलों को जमकर काटा.
सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ मामले को सुन रही थी. आज की सुनवाई की शुरुआत में सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि जो वक्फ अल्लाह के लिए है, अगर इसे असंवैधानिक पाया जाता है, तो इसे रद्द किया जा सकता है. लेकिन अगर वक्फ है, तो वह वक्फ ही रहेगी. मेहता ने कहा कि ये कानून गैर-मुस्लिम को वक्फ दान देने से वंचित नहीं करता. यही कारण है कि 5 साल -आपको यह दिखाना होगा कि आप मुस्लिम हैं और वक्फ के इस तरीके का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए नहीं करते हैं.