चार धाम यात्रा के लिए जरूरी हैं ये दो कार्ड… बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही गाड़ियों पर शिकंजा, जानें क्या हैं नियम? उत्तराखंड By Nayan Datt On May 21, 2025 चार धाम यात्रा की 30 अप्रैल से शुरुआत हो गई. अब तक 10 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु चारों धाम की यात्रा कर चुके हैं. इसी बीच परिवहन विभाग की ओर से चार धाम पर यात्रियों को ले जाने वाली ऐसी गाड़ियों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है, जो बिना रजिस्ट्रेशन के चार धाम पर जा रही हैं. शिकायत की गई है कि ये गाड़ियां ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड भी नहीं ले रही हैं. यह भी पढ़ें हरिद्वार में फर्जी हिंदुओं के खिलाफ ऑपरेशन, AI से पकड़ में… Jul 12, 2025 दिल्ली में 17 जुलाई तक बारिश से राहत नहीं, UP-राजस्थान सहित… Jul 12, 2025 इन गाड़ियों को लेकर परिवहन विभाग में शिकायत की गई है. बताया गया है कि कुछ ट्रांसपोर्ट टेंडर नई गाड़ियों को चार धाम यात्रा पर भेज रहे हैं और इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया है. ऐसे में इन गाड़ियों की फिटनेस भी नहीं होती. ऐसे में इन यात्रियों की सुरक्षा पर भी खतरा बना रहता है. चार धाम जाने वाली गाड़ियों के लिए ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड लेना जरूरी होता है. ग्रीन कार्ड क्या होता है? ये ग्रीन और ट्रिप कार्ड चार धाम यात्रा पर जाने वाली कमर्शियल पैसेंजर गाड़ियों को परिवहन विभाग की ओर से जारी किया जाता है. जब किसी गाड़ी को ग्रीन कार्ड जारी किया जाता है तो उस गाड़ी की फिटनेस और सभी डॉक्यूमेंट्स की जांच की जाती है. वहीं ट्रिप कार्ड में गाड़ी चालक के साथ-साथ गाड़ी में यात्रा करने वाले लोगों की भी पूरी जानकारी रिकॉर्ड के तौर पर मौजूद होती है. ट्रिप कार्ड क्या है? ट्रिप कार्ड में यात्री कौन है, यात्री कहां का रहने वाला है और किस धाम में जा रहा है. इसके साथ ही यात्री का मोबाइल नंबर और पूरी जानकारी ट्रिप कार्ड में होती है. ग्रीन और ट्रिप कार्ड की कई चेक पोस्ट पर जांच की जाती है. इसी बीच चार धाम जाने वाली गाड़ियों को लेकर ये जानकारी भी मिली है कि इनमें से कुछ ऐसी गाड़ियां भी हैं, जिन पर नंबर प्लेट तक नहीं होती है. ये गाड़ियां नई होती हैं. 15 दिन के लिए वैलिड ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड न लेने के पीछे सबसे बड़ी वजह टैक्स की है. जब ग्रीन कार्ड जारी किया जाता है तो गाड़ी का टैक्स देना पड़ता है. ये ग्रीन कार्ड उत्तराखंड की गाड़ियों के लिए पूरी यात्रा काल में एक बार ही बनाना होता है और वह चलता रहता है, जबकि किसी दूसरे की गाड़ियों के लिए ग्रीन कार्ड सिर्फ 15 दिन के लिए वैलिड रहता है. ऐसे में कई बार कारोबारी अपनी प्राइवेट गाड़ियां भी यात्रा पर भेज देते हैं, लेकिन अब ऐसी गाड़ियों को सीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. Share