कलेक्टर की जांच के बाद वक्फ संपत्ति सरकार की हो जाएगी? CJI के सवाल पर सरकार ने ये कहा देश By Nayan Datt On May 21, 2025 सुप्रीम कोर्ट में आज फिर एक बार वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. अदालत अंतरिम आदेश जारी करने के सवाल पर सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ इस विषय को सुन रही है. कल पौने चार घंटे तक याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकीलों ने कानून में दसियों खामियां गिनवाईं. आज सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बचाव करते दिख रहे हैं. यह भी पढ़ें भारत पर बुरी नजर डाली तो आंख फोड़ देंगे… अनुराग ठाकुर का… May 22, 2025 वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित,… May 22, 2025 केंद्र सरकार की ओर से एसजी मेहता ने आज दलील देने की शुरूआत कुछ यूं किया कि जिन व्यक्तियों द्वारा जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, उनमें से कोई प्रभावित पक्ष या व्यक्ति नहीं है. संसद के पास विधायी क्षमता है या नहीं, ये सवाल ही नहीं है. यही एकमात्र आधार था जिस पर पहले किसी कानून पर रोक लगाई गई थी. मैं ये कहना चाहता हूं कि कुछ याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकतीं. यहां पढ़ें अदालत के अपडेट्स 1. मेहता ने कहा कि अगर आपने खुद को वक्फ बाय यूजर के तौर पर रजिस्टर किया है तो यह दो अपवादों के साथ है यानी विवाद का मतलब होगा कि किसी निजी पक्ष ने मुकदमा दायर किया हो. मसलन ये कि यह मेरी संपत्ति है जिसे वक्फ घोषित किया गया है.अगर वक्फ संपत्ति के संबंध में निजी पक्ष के बीच कोई विवाद है तो यह सक्षम न्यायालय के निर्णय की तरफ से शासित होगा. हम वक्फ बाय यूजर से निपट रहे हैं. 2. मेहता ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों के लिए ट्रस्ट के रूप में भूमि रखती है. वक्फ बाय यूजर की परिभाषा के अनुसार संपत्ति किसी और की है. आपने सिर्फ निरंतर उपयोग करने का अधिकार अर्जित किया है.ऐसे में जरूरी है कि निजी-सरकारी संपत्ति का उपयोग लंबे समय तक किया जाए. अगर कोई इमारत है जहां पर सरकारी संपत्ति हो सकती है.क्या सरकार यह जांच नहीं कर सकती कि संपत्ति सरकार की है या नहीं? 3. मेहता ने कहा कि शुरुआती विधेयक में कहा गया था कि कलेक्टर फैसला करेगा. आपत्ति यह थी कि कलेक्टर अपने मामले में खुद जज होगा. इसलिए जेपीसी ने सुझाव दिया कि कलेक्टर के अलावा किसी और को नामित अधिकारी बनाया जाए. इस पर सीजेआई गवई ने पूछा तो यह सिर्फ एक कागजी एंट्री होगी. तोमेहता ने कहा कि यह एक कागजी एंट्री होगी. लेकिन अगर सरकार स्वामित्व चाहती है तो उसे टाइटल के लिए मुकदमा दायर करना होगा. अगर कोई ट्रस्ट की संपत्ति से निपट रहा है तो उसे पता होगा कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार सरकार मालिक है, ना कि वक्फ. 4. सीजेआई गवई ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की तरफ से जो तस्वीर पेश की जा रही है, वह यह है कि एक बार कलेक्टर जांच कर ले तो संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं रह जाएगी और एक बार जांच पूरी हो जाने पर पूरी संपत्ति सरकार के कब्जे में चली जाएगी. इसके जवाब में मेहता ने कहा कि हमें स्वामित्व के लिए टाइटल सूट करना होगा.जस्टिस मसीह ने पूछा तो जब तक कानून का सहारा नहीं लिया जाता, तब तक कब्ज़ा ऐसे ही जारी रहेगा? जवाब में एसजी ने कहा कि हां. Share