फ्रैक्चर हाथ का ऑपरेशन कराने अस्पताल गई महिला, डॉक्टरों ने दे दिया एनेस्थीसिया का हाई डोज, कोमा में जाने के बाद मौत देश By Nayan Datt On May 15, 2025 आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले के सांगीवलासा हैरान करने वाली खबर सामने आई. एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने एक महिला का इलाज करने के दौरान उसकी जान ले ली. चिकित्सा लापरवाही के कारण मौत होने से स्थानीय लोग आक्रोशित थे. पुलिस के अनुसार, लोगों के समझाने की कीशिश की गई और निजी अस्पताल व डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई. जिसके बाद लोग शांत हुए. यह भी पढ़ें खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पासिया पंजाब में 14 आतंकी हमलों का… Jul 7, 2025 केरल में निपाह वायरस से 18 साल की लड़की की मौत, निगरानी में… Jul 7, 2025 जानकारी के मुताबिक, फर्जी डॉक्टरों का घोटाला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वे इसलिए हार मान रहे हैं क्योंकि वे छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं का भी इलाज नहीं कर सकते. हाल ही में एक फर्जी डॉक्टर ने सर्जरी के नाम पर एक महिला की जान ले ली. महिला टूटे हाथ के साथ अस्पताल पहुंची थी. विशाखापत्तनम जिले के तगारपुवलसा के पास जीरूपेटा गांव में रहने वाली महिला एरामसेट्टी रेवती (22) मूल रूप से अनाकापल्ले जिले के रोलुगुंटा मंडल के कोव्वुर गांव की रहने वाली थी. उनके पति जनार्दन चिप्पडा डिविस कंपनी में काम करते हैं. उनका एक बेटा चार साल और दूसरा नौ महीने का है. फिसलकर गिरने से टूट गया था हाथ रेवती 6 मई को अपने घर के बाथरूम में फिसलकर गिर गईं. इससे उनका दाहिना हाथ टूट गया. उसके रिश्तेदारों ने तुरंत उसे सांगीवालासा एनआरआई (एएनएच) अस्पताल में भर्ती कराया. जब डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन कराने को कहा तो उन्होंने कहा कि उनके पास इसके लिए आवश्यक बीमा कवरेज है. हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि वे संबंधित अनुमति मिलने के बाद ही ऑपरेशन करेंगे. परमिट 8 मई की शाम को प्राप्त हुए. इसके साथ ही डॉक्टरों ने 9 मई की सुबह सर्जरी करने की व्यवस्था की. दर्द कम करने के लिए उसे एनेस्थेटिक दिया गया, लेकिन खुराक बहुत अधिक थी और वह कोमा में चली गई. हालत बिगड़ने पर दूसरे अस्पताल में किया शिफ्ट स्थिति बिगड़ने पर उनके पति जनार्दन ने अपना गुस्सा जाहिर किया. डॉक्टरों ने नरम रुख अपनाया और अस्पताल प्रशासन ने बेहतर इलाज के लिए 10 मई को उन्हें उसी शहर के एक अन्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया. लेकिन वहां भी रेवती की हालत में सुधार नहीं हुआ. दिन-प्रतिदिन उनकी तबीयत बिगड़ती गई और बुधवार दोपहर को उनकी मृत्यु हो गई. मुआवजे की मांग पर अड़े परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए केजीएच ले जाया गया. हालांकि, मृतक के परिवार ने अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि रेवती की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई और जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वे पोस्टमार्टम में सहयोग नहीं करेंगे. इसके बाद एनआरआई अस्पताल पहुंचे और बुधवार रात को विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की. पुलिस वहां पहुंची और हस्तक्षेप करने की कोशिश की. Share