IPL में चौके-छक्के खूब देख लिए, अब देखने को मिलेगा नुकसान का रिकॉर्ड, BCCI के डूब सकते हैं 420 करोड़
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 को एक सप्ताह के लिए रोक दिया है. यह लीग बोर्ड के लिए पैसे कमाने का सबसे बड़ा मौका होता है. लेकिन इसमें रुकावट आ गई है. इसकी शुरुआत तब हुई जब जम्मू में सुरक्षा अलर्ट के कारण धर्मशाला में दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के बीच मैच रोक दिया गया. BCCI का कहना है कि नेशनल सिक्योरिटी सबसे पहले है, लेकिन एक सप्ताह का यह ब्रेक बीसीसीआई को काफी महंगा पड़ सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बीसीसीआई को एक हफ्ते की इस रुकावट कितना नुकसान हो सकता है.
BCCI को कितना हो सकता है नुकसान?
हर IPL मैच टीवी डील, टिकट सेल्स, स्पांसर्स और फूड स्टॉल से पैसे कमाने में मदद करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर कैंसल मैच से BCCI को लगभग 100-125 करोड़ रुपए तक का नुकसान हो सकता है. इंश्योरेंस मिलने के बाद भी बीसीसीआई को हर मैच में लगभग 60 करोड़ रुपए के नुकसान की संभावना जताई जा रही है. अगर इस एक सप्ताह के ब्रेक में 5-7 मैच छूट जाते हैं, तो BCCI को 300-420 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. यदि विराम बढ़ा दिया गया या पूरा सेशन कैंसल कर दिया गया तो नुकसान और भी बड़ा हो सकता है.
स्पांसर्स और ब्रॉडकास्टर पर इंपैक्ट
TATA जैसे बड़े स्पांसर और JioHotstar जैसे ब्रॉडकास्टर फिलहाल इस ब्रेक से खुश हैं, लेकिन अगर यह लंबे समय तक चलता है तो वे चिंतित हो सकते हैं. ब्रॉडकास्टर को अपने विज्ञापन के पैसे का कुछ हिस्सा खोना पड़ सकता है, जिसकी कीमत 5,500 करोड़ रुपए तक हो सकती है.
इसका टीमों पर क्या असर होगा?
आईपीएल की दस टीमों को भी इसका दर्द महसूस होगा. उन्हें बीसीसीआई के टीवी और स्पांसर्स के पैसे का हिस्सा मिलता है, जिसे सेंट्रल रेवेन्यू पूल कहा जाता है. अगर आईपीएल बंद हो जाता है, तो यह पैसा कम हो जाएगा. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसी बड़े फैन बेस वाली टीमें, जिनके बेंगलुरु में दो बड़े घरेलू मैच बचे थे, टिकट और मर्चेंडाइज की बिक्री से चूक रही हैं.
अगर टूर्नामेंट कैंसल हो गया तो क्या होगा?
अगर आईपीएल 2025 पूरी तरह से कैंसल हो जाता है, तो बीसीसीआई को बड़ी वित्तीय क्षति होगी. यहां तक कि ब्रॉडकास्टर्स को भी अपने विज्ञापन के पैसे का एक तिहाई हिस्सा खोना पड़ सकता है, और सेंट्रल पूल पर निर्भर रहने वाली टीमों को भी संघर्ष करना पड़ेगा.