सीजफायर के बाद किन तीन मुद्दों पर बात करना चाहता पाकिस्तान? ख्वाजा आसिफ ने बताया विदेश By Nayan Datt On May 11, 2025 भारत के साथ सीजफायर होने के बाद पाकिस्तान ने दोनों देश के बीच कुछ जटिल मुद्दों पर बात करने की इच्छा जाहिर की है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद भारत के साथ प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं और पड़ोसी देश के साथ भविष्य में होने वाली किसी भी बातचीत में इन पर चर्चा की जा सकती है. यह भी पढ़ें रोबोट से लेकर हेल्थ ऐप तक… हज को आसान बनाने के लिए सऊदी अरब… May 31, 2025 पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बारिश का कहर, 8 की मौत, 21… May 30, 2025 रक्षा मंत्री का ये बयान भारत के साथ भूमि, वायु और समुद्र पर सभी तरह की गोलेबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए शनिवार को बनी सहमति के बाद आया है. इस बयान से माना जा रहा है पाकिस्तान नई दिल्ली के साथ लंबित मुद्दों का समाधान चाह रहा है. हालांकि आसिफ ने ये टिप्पणी इन्ही जटिल मुद्दों से जुड़े एक सवाल के जवाब में की है. पाकिस्तान की भारत से आगे भी होगी वार्ता आसिफ ने कहा कि भारत के साथ भविष्य में सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी), आतंकवाद और कश्मीर संबंधी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. एक टेलीविजन चैनल ने आसिफ के हवाले से कहा, ये तीन प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर दोनों देश बैठक कर सकते हैं.” आसिफ ने कहा, “यदि संघर्ष विराम से शांति का रास्ता बनता है तो यह स्वागत योग्य बात होगी.” उन्होंने यह भी कहा कि अभी निश्चितता के साथ कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के साथ संघर्षविराम पर सहमत है, साथ ही नई दिल्ली ने भी इस पर सहमति जताई है. क्यों शुरू हुआ था तनाव? पिछले हफ्ते पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. पड़ोसी देशों में शांति उम्मीद आसिफ ने कहा, “समय गुजरने के साथ शांति के अवसर पैदा हो सकते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत और विशेषकर इसका नेतृत्व किसी दिन पार्टी हितों से ज्यादा क्षेत्र के भविष्य को प्राथमिकता देगा.” आसिफ ने शांति के लिए दोनों और से समान कदमों की उम्मीद की और इसे एशिया की प्रगति की कुंजी बताया है. उन्होंने चीन, तुर्की, अजरबैजान और खाड़ी साझेदारों सहित प्रमुख सहयोगियों और मित्र देशों से मिले कूटनीतिक समर्थन की सराहना की है. Share