क्या इसे बदला लेना कहते हैं… पहलगाम हमले को लेकर पीएम मोदी पर बरसी शिवसेना, संजय राउत ने कहा- इंदिरा गांधी का इतिहास देखिए महाराष्ट्र By Nayan Datt On May 4, 2025 जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूमों की जान चली गई. हमले को हुए 12 दिन का समय हो चुका है. इसके बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया है. यही कारण है कि अब शिवसेना (UBT)ने पीएम मोदी पर हमला बोला है. शिवसेना ने कहा कि बदला लेना है तो इंदिरा गांधी से सीखों. यह भी पढ़ें गणपति बप्पा को नहीं चढ़ा सकेंगे नारियल-माला व प्रसाद,… May 11, 2025 सीजफायर के लिए ट्रंप ने भारत पर दबाव डाला… US की एंट्री पर… May 11, 2025 शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा कि 12 दिन बीत चुके हैं, हमारे 26 लोग आतंकी हमले में मारे गए, लेकिन अब तक सरकार ने क्या बदला लिया ? बस खबरें आती हैं—कभी नाड़ियां कस दीं, कभी ढीली कर दीं. सरकार ने 21 यूट्यूब चैनल बंद कर दिए, पाकिस्तान के हाई कमीशन के स्टाफ को कम किया. क्या इसे बदला लेना कहते हैं? उन्होंने आगे कहा कि आप अपने राजनीतिक विरोधियों से कैसे बदला लेते हैं. उनकी पार्टियां तोड़ते हैं, उन्हें जेल में डालते हैं, उनका जीवन बर्बाद करते हैं, उनके परिवारों को परेशान करते हैं, लेकिन पाकिस्तान के मामले में सिर्फ एयर स्पेस बंद करना और यूट्यूब चैनल बंद करना क्या बदला है? इंदिरा गांधी से सीख लीजिए बदला संजय राउत ने कहा कि 26 लोग मारे गए हैं. कैसा बदला चाहिए, यह जानना हो तो इंदिरा गांधी का इतिहास देखिए. इन्हें नेहरू और इंदिरा गांधी से जलन होती है. यह किसे बेवकूफ बना रहे हैं? प्रधानमंत्री यहां-वहां घूम रहे हैं, गले मिल रहे हैं, इसे बदला लेना नहीं कहा जाता है. अब डर लगने लगा है कि इस देश में अगर ऐसे शासक होंगे और सामने दुश्मन इतना बेखौफ होगा, तो हमारी बदले की नीति सिर्फ यूट्यूब चैनल बंद करना ही है. राउत ने इसे सत्ताधारी BJP की विफलता करार दिया और कहा कि युद्ध के समय देश को एकजुट होकर सच का सामना करना चाहिए, लेकिन BJP नफरत की राजनीति में लिप्त है. विरोधियों को ही कर सकते थे खत्म अब वो भी नहीं चुन-चुन के मारेंगे बीजेपी सिर्फ अपने विरोधियों को चुन-चुनकर खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब वो भी संभव नहीं है. संजय राउत ने कहा कि 12 दिन हो गए और ये अब युद्ध अभ्यास कर रहे हैं क्या ये बदला है? इससे यह साबित होता है कि वे सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन नागरिकों और सैनिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं. Share