बेदम है शरीफ का ना’PAK’… भारत के वार का नहीं कर सकेगा पलटवार, इन चार पॉइंट में छिपा है सच देश By Nayan Datt On Apr 29, 2025 पहलगाम हमले के बाद से भारत-पाक के रिश्तों में तनाव जारी है. इतना ही नहीं, दुनिया के हर कोने से हर भारतवासी सिर्फ पहलगाम के इंतकाम की बात कर रहा है. वहीं, पाकिस्तान इसी इंतकाम से घबराया हुआ है. हालांकि एक ट्रेलर के तौर भारत ने तुरंत एक्शन लेते हुए डिप्लोमैटिक स्ट्राइक की थी. इसके तहत सिंधु नदी का समझौता भारत ने निलंबित कर दिया. इसके बाद से बौखलाए पाकिस्तान के कई नेता रोज-रोज युद्ध की गीदड़भभकी दिया करते हैं. हाल ही में, बिलावल भुट्टो ने तो खून बहाने की भी बात कही थी. खैर गीदड़भभकियों से तो पाक का पुराना नाता रहा है. यह भी पढ़ें सरकार के साथ कदमताल करते-करते पहलगाम हमले पर कैसे ‘अपनों’ ने… Apr 29, 2025 2 दिन बाद अनुराग गुप्ता नहीं होंगे झारखंड के DGP, केंद्र… Apr 29, 2025 ऐसे में अब एक सवाल उठता है कि कहीं भारत ने अगर पाकिस्तान पर और बड़ा एक्शन लिया या फिर दुश्मन देश पर कोई और स्ट्राइक की तो क्या पाक पलटवार कर सकेगा? फिलहाल एक शब्द में कहा जाए तो नहीं. अब वो क्यों पलटवार नहीं कर सकेगा. इसको पूरी तरह समझने के लिए आइए नीचे दिए लिखे गए 4 पॉइंट्स पर नजर डालते हैं, जो चीख-चीख कर पाकिस्तान की बेहाली और बेबसी को बयां कर रह हैं. पाकिस्तान को किसका समर्थन पाकिस्तान पलटवार तब करेगा जब कोई सुपरपावर उसका साथ देगी. फिलहाल देखा जाए तो सभी देशों का स्टैंड लगभग क्लियर है. वहीं, जिस देश की गोद में बैठकर पाक पल रहा था और उसके आंचल में छिपकर भारत को आंख दिखाने का काम रहा था. अब वहां से भी एक बड़ा मैसेज आ चुका है. हाल ही में चीन ने ये क्लियर कर दिया कि वो युद्ध के पक्ष में नहीं है. इसका मतलब साफ है कि इस जंग में उसे चीन से कोई बैक सपोर्ट नहीं मिलेगा. वहीं, दूसरी ओर शहबाज के आका यानी जिनपिंग खुद चाहते हैं कि भारत के साथ उनके रिश्ते मजबूत रहें. कुछ दिन पहले चीन ने भारत की राष्ट्रपति को एक लेटर भी भेजा था, जिसमें साफ लिखा था कि चीन, भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है. इसीलिए इन हालातों में ड्रैगन पाक के पाले में जाने से पहले हजार बार सोचेगा. वहीं, इनके आका को हटाकर देखें तो सिर्फ और सिर्फ एक तुर्की ही ऐसा देश है, जिसने पाक को मौत का सामान भेजा है. लेकिन तुर्की कोई इतना बड़ा देश या कोई सुपर पावर नहीं है. जिसके समर्थन में आने से पाक को एक अच्छा सपोर्ट मिल सके. हां, गीदड़भभकियों और पाक की झूठी खुशी के लिए काफी हैं. सुपरपावर में देखें तो रूस भारत का खुलेआम समर्थन कर सकता है. अमेरिका भारत के खिलाफ जाने की हिमाकत नहीं करेगा. वहीं, ब्रिटेन भी पाक के साथ नहीं जाएगा. ऐसे में अगर भारत के जवान, पाक में घुसकर आतंकियों को जन्नत पहुंचाने का काम करेंगे तो कोई भी देश भारत के खिलाफ नहीं होगा. युद्ध की स्थिति में नहीं पाक सेना पाक को अपने उपर का कर्ज देखना चाहिए, उसको अपने यहां की इकोनॉमी से लेकर महंगाई तक पर एक नजर डालनी चाहिए. फिर शहबाज को एक मीटिंग कर अपनी अंतर-आत्मा से पूछना चाहिए कि क्या सच उनके देश के हालात ऐसे हैं कि वो भारत जैसे देश से युद्ध कर सके, क्योंकि जब युद्ध नहीं हुआ तब तो महंगाई ने पाक की कमर तोड़ रखी है. इन हालातों में वो देश युद्ध के बारे में सोच भी कैसे सकता है. हाल ही में भरी संसद में एक सांसद ने कहा भी था कि भारत से युद्ध करने में उनकी ही हार है, और इस युद्ध से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी काफी पीछे चली जाएगी. अब दूसरी चीज है सेना… उसकी भी हरकतें किसी से छिपी नहीं है. हाल ही में बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनखवा में जनता ने आर्मी से काफी असंतोष जताया है. इतना ही नहीं, आर्मी की ताकत यानी उसके हथियार भी पाक सेना की पोल खोलते हैं. कुछ दिन पहले ही पाक ने अपने लड़ाकू विमान युद्धाभ्यास के लिए म्यांमर भेजे थे. JF16 को उस देश ने कबाड़ कह कर वापस कर दिया. साथ ही चीन से खरीदे हुए एयर डिफेंस सिस्टम भी ठप निकले. ऐसे में शहबाज की सेना के पास कोई भी मॉरल सपोर्ट नहीं है. उनकी सेना पहले से ही त्रस्त है. अगर कोई सेना खुद से ही इतनी परेशान हो, तो उससे युद्ध में जीतने के लिए नहीं सोचा जा सकता है. पूर्व पीएम नवाज शरीफ की नसीहत रविवार रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उमरा निवास पर अपने बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की. इस बैठक में शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ मौजूदा हालात की पूरी रिपोर्ट नवाज को सौंपी और बताया कि किस तरह भारत, पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है और एक्शन ले रहा है. बैठक में शहबाज की बात सुनने के बाद नवाज शरीफ ने संयम बरतने की सलाह दी. नवाज ने कहा कि शांत रहने में ही पाकिस्तान का फायदा है. पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ. नवाज ने सिर्फ इतना ही नहीं कहा, बल्कि शहबाज से ये भी बताया कि मंत्रियों और नेताओं को भी बयानबाजी से रोकें ताकि हालात और न बिगड़ें. क्योंकि युद्ध से पाकिस्तान को ही बड़ा नुकसान होगा. दरअसल, नवाज कूटनीति के जरिए इस मुद्दे को हल करना चाहते हैं. नवाज ने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न देश हैं और इसलिए टकराव के बजाय शांति का रास्ता ही अपनाना ही बेहतर है. बता दें, नवाज शरीफ ही इन दिनों पाक हुकूमत के लिए बैकडोर से फैसले ले रहे हैं. तो ऐसे में ये साफ है कि पाक हुकूमत बेदम है, और वो भारत से पंगा लेने की भूल नहीं करेगा. आतंक पर कबूल चुका है सच ब्रिटेन के एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ आतंक पर सच कबूल चुके हैं. इस इंटरव्यू में दुनिया के सामने ख्वाजा ने पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर कर दिया. आसिफ ने कबूल किया कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकवाद को समर्थन, प्रशिक्षण और फंडिंग दी है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि पाकिस्तान ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए ‘डर्टी वर्क’ किया, जिसकी कीमत अब वह चुका रहा है. आसिफ ने यह भी स्वीकार किया कि भारत के संभावित जवाबी हमले का पाकिस्तान को डर है और बड़ा हमला सीधे युद्ध में बदल सकता है आसिफ ने बताया कि 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने पश्चिमी ताकतों के इशारे पर आतंकी संगठनों को पाला था. 9/11 के बाद भी पाकिस्तान को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया. रक्षा मंत्री ने माना कि अगर पाकिस्तान ने इन संघर्षों से खुद को अलग रखा होता तो आज उसका रिकॉर्ड साफ होता. लश्कर-ए-तैयबा को लेकर पूछे गए सवाल पर आसिफ ने सफाई दी कि यह संगठन अब पाकिस्तान में सक्रिय नहीं है. हालांकि, हालिया पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्कर समर्थित संगठन TRF ने ली है, जिससे उनके दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं. पाकिस्तान की इन नापाक हरकतों के कारण ही दुनिया में आज कुछ गिन-चुने छोटे देशों को छोड़कर कोई उसका साथ नहीं दे रहा है. 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