रामनगरी अयोध्या में उस समय माहौल गरमा गया जब तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ‘राजनीतिक जनाजा’ निकालते हुए आरोप लगाया कि वे पश्चिम बंगाल को ‘दूसरा पाकिस्तान’ बनाने की तैयारी कर रही हैं. आचार्य ने कहा कि बंगाल में हालात दिन-ब-दिन भयावह होते जा रहे हैं और वहां हिंदुओं के साथ भीषण अत्याचार हो रहा है.
आचार्य परमहंस दास का कहना है कि पश्चिम बंगाल में रोजाना हिंदू बहन-बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, उनके घरों को लूटा जा रहा है, अपहरण और हत्याएं आम हो चुकी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब ममता सरकार की शह पर हो रहा है और वह बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या आतंकवादियों को नागरिकता देकर राज्य को हिंदू विहीन करने की साजिश रच रही हैं.
संत समाज बोला- बंगाल में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रहीं
उन्होंने तीखे स्वर में कहा कि बंगाल में अब शरिया कानून जैसे हालात हैं और संविधान व कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. धर्म के आधार पर हो रही हिंसा और हत्याएं इस बात का संकेत हैं कि बंगाल अब भारत का हिस्सा कम और एक अलगाववादी विचारधारा का गढ़ ज्यादा बनता जा रहा है.
आचार्य परमहंस दास ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और हिंसा, बलात्कार तथा हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त लोगों को फांसी की सजा दी जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो वह तो केवल एक ‘राजनीतिक जनाजा’ लेकर निकले हैं, लेकिन अगली बार 18 करोड़ साधु-संत बंगाल की ओर कूच करेंगे.
देश की अस्मिता के लिए खतरा बन सकता है
उन्होंने कहा कि यह केवल बंगाल का नहीं, पूरे भारत की एकता और अखंडता का सवाल है. अगर आज बंगाल को बचाया नहीं गया तो यह पूरे देश की अस्मिता के लिए खतरा बन सकता है. उन्होंने देशभर के साधु-संतों से आह्वान किया कि वे इस अभियान में शामिल हों और हिंदू समाज की रक्षा के लिए एकजुट हों. तपस्वी छावनी से शुरू हुई यह चेतावनी अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है.
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