लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने केरल, गुजरात और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के तटों पर ऑफशोर माइनिंग की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है.
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में, राहुल गांधी ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि ऑफशोर माइनिंग के लिए निविदाएं पर्यावरणीय परिणामों का आकलन किए बिना जारी की गईं, जिससे तटीय समुदायों में व्यापक विरोध भड़क उठा है.
केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा
राहुल गांधी ने लिखा कि मैं केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे तटीय समुदाय बिना पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किए अपतटीय खनन के लिए निविदाएं जारी करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं. लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
जीवन शैली पर गंभीर प्रभाव
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं सरकार से अपतटीय खनन ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को रद्द करने की अपील करता हूं. उनका पत्र उन तटीय समुदायों के चल रहे प्रदर्शनों के बीच आया है जो इस फैसले से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और उनकी जीवन शैली पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका जता रहे हैं.
राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए समाधान
राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर के लोग शांति और स्थिरता के हकदार हैं तथा वहां संघर्ष का समाधान राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए.मणिपुर के कई कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को संसद भवन स्थित राहुल गांधी के कार्यालय में उनसे मुलाकात की थी.राहुल गांधी ने एक्स पर जारी पोस्ट में कहा, कल संसद भवन में मणिपुर के विभिन्न समुदायों के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात हुई. यह बेहद चिंताजनक है कि लगभग दो साल की हिंसा और अब राष्ट्रपति शासन के बाद, प्रधानमंत्री ने अभी तक राज्य का दौरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग शांति और स्थिरता के पात्र हैं.
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