बिहार के भागलपुर से सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम कानून शराबबंदी की पोल खोलती तस्वीर सामने आई है. नवगछिया में प्रशासन व अदालत परिसर में जाम छलकाए जा रहे हैं. शराब की इतनी खाली बोतलें एक जगह है की गिनती करना मुश्किल हो जाएगा. यह नजारा है जिले के नवगछिया अनुमंडल के कोर्ट परिसर व एसपी, एसडीपीओ, कार्यालय के समीप का. यहां नई हो या पुरानी देसी हो या विदेशी सभी ब्रांड की बोतले सैकड़ों की संख्या में पड़ी हुई हैं. दीवार के पास सटे भवन में अदालत चल रहा है, तो वहीं कुछ ही दूरी पर एसडीपीओ का कार्यालय है.
बिहार में 2016 में शराबबंदी कानून लागू हुआ था, लेकिन इसके बाद से ही गाहे-बगाहे राज्य के 38 जिलों से शराब मिलने की खबर व जहरीली शराब से मौत का मामला सामने आते रहे हैं. कई जगहों पर लगातार शराब मिलने का सिलसिला जारी है. विपक्ष के लोग आरोप लगाते हैं कि प्रशासन की मिलीभगत से शराब की बिक्री व होम डिलीवरी तक हो रही है. वहीं, दूसरी ओर उत्पाद विभाग और पुलिस के द्वारा शराब को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है.
अनुमंडल कार्यालय परिसर में सैकड़ों खाली शारब की बोतलें
नवगछिया अनुमंडल कार्यालय परिसर के अंदर सैकड़ो शराब की खाली बोतल पड़ी हुई है, जबकि यहां पर कोर्ट और नवगछिया एसपी का कार्यालय है. वहीं, इससे सटे ही एसडीपीओ नवगछिया बैठते हैं. इसी कैंपस में बीएमपी के जवान भी रहते हैं. साथ ही नवगछिया जेल भी इसी कैंपस में अवस्थित है. उसके बाद भारी संख्या में शराब की खाली बोतल को देख कर समझा जा सकता है कि जब अनुमंडल कार्यालय परिसर में नवगछिया के बड़े पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ न्यायालय परिसर भी यहीं पर मौजूद है और शराब की सैकड़ो खाली बोतल मिलने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर इसका सेवन यहां पर कौन करता है?
किसने छलकाए जाम?
इस तस्वीर के सामने आने के बाद बिहार में शराब बंदी कानून की पोल खुल गई है. वहीं, इन बोतलों को कहां खाली किया गया किस जगह जाम छलकाए गए? यहां कैसे प्रशासन और अदालत के नाक के नीचे आकर फेंक दिया गया? यह बड़ा सवाल है. सवाल यह भी है कि क्या प्रशासनिक अधिकारी भी शराब का सेवन करते हैं? क्योंकि, उनके बेहद करीब में यह तस्वीर है और कोई इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा. लोगों का एसपी के द्वारा इस पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है.
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