भोपाल : अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर किसानों के लिए आवाज उठाने पर बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय को नोटिस मिलने पर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। जहां कांग्रेस ने भाजपा को किसान और दलित विरोध बताया है, वहीं इस मामले पर चिंतामणि मालवीय ने कहा कि मैं बीजेपी का प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हूं। मैंने जो कुछ कहा, वो सदन के अंदर का विषय है। मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। मैं माफी नहीं मांगूंगा। पार्टी का नोटिस अभी मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। अगर मुझे मिलेगा तो मैं उसके तथ्यानुरूप जवाब से पार्टी को अवगत कराऊंगा।
भाजपा विधायक ने कहा कि अभी तक मेरे पास नोटिस नहीं आया है। माफी जैसा कोई सवाल ही नहीं होता। उन्होंने कहा था कि भू-माफियाओं की साजिश की वजह से किसानों को अपनी ही जमीन से बेदखल किया जा रहा है। सालों से यहां भूमि का अधिग्रहण कुछ ही महीनों के लिए होता था, लेकिन स्थाई तौर पर कब्जा सही नहीं है।
बता दें कि बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा में मुद्दा उठाया और कहा कि उज्जैन के किसान परेशान हैं और डरे हुए है। उनकी ज़मीन जबरदस्ती अधिग्रहण की जा रही है। इस बयान के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि आप सार्वजनिक जगह पर बयानबाजी कर पार्टी की छवि धूमिल कर रहे हैं। बीजेपी की ओर से भेजे गए नोटिस में चिंतामणि को 7 दिनों जवाब देने के लिए कहा गया है।
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