ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के राशि और नक्षत्र परिवर्तन को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य का मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि सूर्य को मान-सम्मान, आत्मा, पिता, यश, ऊर्जा, और सकारात्मक शक्ति का कारक है. सूर्य के मजबूत और कमजोर होने पर व्यक्ति के जीवन में कई लक्षण दिखाई देते हैं. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कुंडली में सूर्य के मजबूत और कमजोर होने के लक्षणों के बारे में.
सूर्य के मजबूत होने के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य देव मजबूत है वो हर क्षेत्र में सफलता हासिल करता है. जिनकी कुंडली में सूर्य की अच्छी स्थिति होती है, उनके चेहरे का तेज होता है. मजबूत सूर्य वाले व्यक्तियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता बहु अधिक होती है. समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है. मजबूत सूर्य वाले व्यक्तियों को सरकारी नौकरी में सफलता मिलती है.
सूर्य कमजोर होने के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होता है, उनके अंदर इच्छाशक्ति की कमी होती है. कार्यक्षेत्र में भी इसका नकारात्मक असर होता है. कमजोर सूर्य वाले व्यक्तियों के बने काम बिगड़ जाते हैं. आत्मविश्वास की कमी नजर आती है. कमजोर सूर्य वाले व्यक्तियों को सही और गलत के बीच फैसला लेने में मुश्किल होती है. सूर्य को पिता के कारक माना गया है. कमजोर सूर्य वाले व्यक्तियों के अपने पिता के साथ रिश्ते कमजोर होते हैं. कमजोर सूर्य वाले व्यक्ति सेहत संबंधी परेशानियों से घिरा रहते हैं. साथ ही उनको अन्य समस्याएं भी होती हैं.
सूर्य को मजबूत करने के उपाय
- ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि कमजोर सूर्य वाले व्यक्तियों को सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. उनको अर्घ्य देना चाहिए.
- कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो रविवार को व्रत करना चाहिए. ये दिन भगवान सूर्य का माना जाता है.
- कुंडली में सूर्य कमजोर है तो भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए.
- हर दिन सूर्य के आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. पिता का सम्मान करना चाहिए.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.