11 मार्च को प्रतिबंधित बलूच अलगाववादी संगठन ने बोलान जिले में पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था. ट्रेन में 400 से ज्यादा यात्री सवार थे. आतंकियों ने कई यात्रियों को बंधक बना लिया और पूरे इलाके में खौफ का माहौल पैदा कर दिया. इसके बाद पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाया और सभी आतंकियों को मार गिराया. हालांकि, तब तक 21 निर्दोष यात्रियों की जान जा चुकी थी. इस घटना को पूरे 9 दिन हो चुके हैं.
इस बीच पाकिस्तान सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिससे बाद से कहा जा रहा है कि बीएलए के सामने वो बेबस नजर आ रही है. इसी कड़ी में पाकिस्तान सरकार ने पूरे बलूचिस्तान में रेल सेवा बंद कर दी है. ऐसा कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि रेलवे को सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की मंजूरी नहीं मिल रही है. इससे पहले सिनेमाघरों के परिचालन पर भी रोक लगाई थी.
रोजाना 24 लाख रुपये का नुकसान
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान रेलवे अब तक ट्रेन सेवा बहाल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है. रेलवे को अब भी सुरक्षा एजेंसियों से मंजूरी का इंतजार है, जिसके बिना वह टिकटों की बुकिंग भी नहीं कर पा रहा. नतीजा यह है कि रेलवे को हर दिन 2.4 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का घाटा झेलना पड़ रहा है. पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह एक और बड़ा झटका है.
ईद स्पेशल ट्रेनों की घोषणा
एक तरफ बलूचिस्तान में ट्रेनें बंद पड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान रेलवे ने ईद के मौके पर यात्रियों की सुविधा के लिए पांच स्पेशल ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया है. पहली ईद स्पेशल ट्रेन 26 मार्च को कराची से लाहौर के लिए रवाना होगी. वहीं दूसरी ट्रेन 26 मार्च को क्वेटा से पेशावर के लिए चलेगी. तीसरी ट्रेन 27 मार्च को लाहौर से कराची के लिए निकलेगी. चौथी ट्रेन 27 मार्च को कराची से रावलपिंडी के लिए फैसलाबाद और सरगोधा होते हुए चलाई जाएगी.
पांचवीं ट्रेन कराची से लाहौर के लिए फे़सलाबाद और शेखुपुरा के रास्ते जाएगी. बलूचिस्तान में रेल सेवा बंद होने के बावजूद ईद के मद्देनजर स्पेशल ट्रेनों की घोषणा से यह साफ जाहिर है कि पाकिस्तान सरकार बाकी हिस्सों में हालात सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही है. लेकिन बलूचिस्तान की स्थिति पर सरकार की चुप्पी यह बताने के लिए काफी है कि वहां आतंकियों के डर से वह खुद भी असहाय महसूस कर रही है.
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