बिहार विधान परिषद में बुधवार को एक अहम मुद्दा उठाया गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के 21 सदस्यों ने अपने सवालों के जरिए बिहार विधान मंडल के सभी वर्तमान और पूर्व सदस्यों को आवास के लिए भूमि उपलब्ध कराने की मांग की. जैसे ही ये सवाल उठा, पूरा सदन एक साथ खड़ा हो गया और सभी सदस्यों ने भूमि के आवंटन की मांग को लेकर आवाज बुलंद की.
दरअसल, यह मुद्दा मुख्य रूप से उन सदस्यों से संबंधित था, जिनकी सदस्यता समाप्त हो चुकी है. सदस्यों ने कहा, विधान मंडल के अधिकतर वर्तमान और पूर्व सदस्यों को सदस्यता अवधि समाप्त होने के बाद छत खोजना मुश्किल काम होता है. सदस्यों के लिए निजी आवास की व्यवस्था के लिए पहले को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा भूमि आवंटन किया जाता था. मगर, अब ऐसा नहीं है.
राजधानी में एक छत की जरूरत होती है
विधायकों ने कहा, सदस्यता समाप्त होने के बाद भी सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए राजधानी में एक छत की जरूरत होती है, जिसे सहकारी हाउसिंग सोसाइटी द्वारा जमीन और मकान की व्यवस्था कर दिया जा सकता है. विधान परिषद में इस मुद्दे पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि संवेदनशील भी है.
हम इस मुद्दे को गंभीरता से देख रहे हैं
उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और विजय चौधरी को इस मुद्दे पर पूरी प्रक्रिया की अगुवाई करने के लिए अधिकृत किया. सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से देख रहे हैं. भूमि की उपलब्धता की संभावना को तलाशने के बाद मुख्यमंत्री से मिलकर इसे पूरा करने का प्रयास करेंगे. प्रेम कुमार ने इस मुद्दे पर सभापति से पक्ष और विपक्ष के पांच-पांच सदस्यों को नामित करने का अनुरोध किया.
सभी सदस्यों से संवाद बनाए रखेंगे
सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इस मुद्दे को भावनात्मक बताया और कहा कि वो हर सप्ताह इस पर समीक्षा करेंगे. ताकि प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके. सभापति ने यह भी कहा कि वो इस पूरे मुद्दे को नियमित रूप से ट्रैक करेंगे और इसे लेकर सभी सदस्यों के बीच संवाद बनाए रखेंगे. इस पर सभी सदस्य खड़े हो गए और सहमति जताई.
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