दुनिया के टॉप 20 और एशिया के सबसे अमीर करोबारी मुकेश अंबानी ने रूसी तेल को बड़ा हथियार बनाते हुए अमेरिका से कई हजार करोड़ रुपए कमाए. खास बात तो ये है कि उसी अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध भी लगाया हुआ है. साल 2022 में रूसी तेल पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत रूस के साथ खड़ा हुआ और सस्ते दामों में रूसी कच्चे तेल का इंपोर्ट किया. जिसे रिफाइन कर दुनिया के तमाम देशों में भेजा और अपने एक्सपोर्ट इनकम में इजाफा किया. रिलायंस इंडस्ट्रीज भी उन्हीं ऑयल कंपनियों की लिस्ट में शुमार है, जिसने के रूसी कच्चे तेल को रिफाइन कर अमेरिका और यूरोप के बाजारों में बेचकर हजारों करोड़ रुपए की कमाई की है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं.
मुकेश अंबानी ने कितने रुपए
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले एक साल में रूसी कच्चे तेल से बने फ्यूल का अमेरिका को निर्यात कर 72.4 करोड़ यूरो (लगभग 6,850 करोड़ रुपये) कमाए हैं. यूरोपीय शोध संस्थान सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जनवरी, 2024 से जनवरी, 2025 के अंत तक अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल को प्रोसेस्ड करने वाली भारत और तुर्की स्थित छह रिफाइनरियों से 2.8 अरब यूरो का रिफाइन ऑयल इंपोर्ट किया. रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से 1.3 अरब यूरो की आय होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस की दो रिफाइनरियों से पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन का अमेरिकी इंपोर्ट दो अरब यूरो का था. इसमें से 72.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है. सीआरईए की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के लिए रिलायंस को भेजे गए ईमेल का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
रूसी ऑयल पर लगे प्रतिबंध
फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों और अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. हालांकि, रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से तैयार डीजल जैसे ईंधन के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे. गुजरात के वाडिनार में रूस की रोसनेफ्ट-समर्थित नायरा एनर्जी की दो करोड़ टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी है. इस रिफाइनरी ने जनवरी, 2024 और जनवरी, 2025 के बीच अमेरिका को 18.4 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया. सीआरईए ने कहा कि इसमें से 12.4 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है.
रूस को कितनी हुई कमाई
इसी तरह मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) की यूनिट न्यू मेंगलोर ने इसी दौरान अमेरिका को 4.2 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया. इसमें से 2.2 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल से रिफाइन होने का अनुमान है. सीआरईए ने कहा कि रूस ने अमेरिका को भारत और तुर्की स्थित रिफाइनरियों से निर्यात कर अनुमानित तौर पर 75 करोड़ डॉलर कमाए हैं. तुर्की की तीन रिफाइनरियों ने अमेरिका को कुल 61.6 करोड़ यूरो का ईंधन निर्यात किया, जिसमें से 54.5 करोड़ यूरो रूसी कच्चे तेल की रिफाइनिंग से आने का अनुमान है.
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