केरल हाई कोर्ट ने आज मंगलवार को कोल्लम जिले में हाल ही में आयोजित एक मंदिर उत्सव में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के झंडे फहराने और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-एम (CPM) का महिमामंडन करने वाले गीतों के प्रदर्शन पर अपनी नाराजगी जताई, साथ ही यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने अब 27 मार्च को मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस मुरली कृष्ण एस की बेंच ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) और कडक्कल मंदिर की सलाहकार समिति को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर उनकी राय पूछा. बेंच ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि मंदिर उत्सवों के लिए भक्तों से एकत्र किए गए धन को इस तरह के आयोजनों पर खर्च नहीं किया जाना चाहिए.
‘भक्तों की भावनाओं को पहुंची ठेस’
बेंच की ओर से यह निर्देश और टिप्पणियां एडवोकेट विष्णु सुनील पंथलम की याचिका पर आई है, जिन्होंने दावा किया कि राजनीतिक गीतों (Political Songs) का प्रदर्शन और बैकग्राउंड में पार्टी के झंडे फहराना “इस अवसर के लिए पूरी तरह अनुचित था और इससे भक्तों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है.”
एडवोकेट जोमी के जोस के जरिए दाखिल याचिका में कहा गया है, “यह घटना एक धार्मिक आयोजन में अनुचित और परेशान करने वाली घुसपैठ है.”
TDB ने दिए जांच के आदेश
टीडीबी की ओर से एडवोकेट जी बीजू ने बेंच को बताया कि बोर्ड ने पहले ही घटना की सतर्कता जांच के आदेश दे दिए हैं और कडक्कल मंदिर की सलाहकार समिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस पर कोर्ट ने बोर्ड को घटना के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले को 27 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
इससे पहले 10 मार्च को कडक्कल मंदिर उत्सव के दौरान, गायक अलोशी एडम्स ने कुछ क्रांतिकारी गीत गाए, जिनमें से एक दिवंगत सीपीएम सदस्य पुथुकुडी पुष्पन के बारे में था, जो 1994 के कुथुपरम्बा पुलिस फायरिंग की घटना में बच गए थे, जिसने केरल को हिलाकर रख दिया था.
साथ ही गीतों के प्रदर्शन के दौरान, डीवाईएफआई और सीपीआएम के झंडे और प्रतीक बैकग्राउंड में दिखाए गए थे. मामले के तूल पकड़ने पर कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ और टीडीबी की ओर से कड़ी आलोचना की गई और सतर्कता जांच के आदेश दिए गए. गायक एडम्स ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने यह गाना नहीं चुना था, बल्कि दर्शकों के अनुरोध पर इसे गाया था.
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