नागपुर में हिंसा भड़कने के बाद डीसीपी निकेतन कदम के नेतृत्व में पुलिस की एक टुकड़ी हालात पर नियंत्रण करने के लिए गलियों में घूम रही थी. इसी दौरान पुलिस टीम एक घर में घुसी, जहां 10 से अधिक संदिग्ध लोगों के छिपे होने की आशंका थी. इतने में पता नहीं कहां से 100 से अधिक लोगों की भीड़ आ गई. यह सभी लोग नंगी तलवारें, कुल्हाड़ी और छूरा चाकू के अलावा लाठी डंडा व हॉकी स्टिक लिए हुए थे. इन लोगों ने पुलिस टीम पर हमले की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो ये लोग पीछे हट गए.
इन्हीं में से एक व्यक्ति ने कुल्हाड़ी से डीसीपी कदम के ऊपर हमला किया. इस हमले को डीसीपी कदम ने अपने हाथ पर रोका, जिससे वह बुरी तरह से जख्मी हो गए. नागपुर हिंसा की यह कहानी खुद डीसीपी कदम ने एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए बताई है. उनके इस बयान के सामने आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा से वीडियो कॉल पर उनसे बात की. कुशल क्षेम पूछने के बाद सीएम ने डीसीपी का उत्साह बढ़ाया और कहा कि उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है.
100 से अधिक लोगों ने किया था हमला
बता दें कि नागपुर हिंसा में तीन डीसीपी स्तर के अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. वहीं 5 से अधिक नागरिकों के भी घायल होने की सूचना है. इस दंगे में घायल डीसीपी निकेतन कदम ने मीडिया एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि करीब 10 बजे रात में पुलिस ने हिंसा को लगभग नियंत्रित कर लिया था.खुद पुलिस कमिश्नर भी मैदान में उतर चुके थे. पुलिस गलियों में गश्त कर रही थी. इस दौरान कई जगह छत के ऊपर से पथराव होते देखा गया. एक गली के मकान में उन्हें कुछ संदिग्ध हलचल का आभाष हुआ. आशंका थी कि इस घर में 10 से अधिक संदिग्ध छिपे हैं. ऐसे में पुलिस की टीम अंदर घुस गई. इतने में पता नहीं कहां से आए सौ से अधिक लोगों ने हमला कर दिया था.
सीएम फडणवीस ने किया फोन
डीसीपी निकेतन कदम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार की दोपहर में फोन किया. उनसे उनकी तबियत पूछी. इसके जवाब में डीसीपी ने बताया कि वह ठीक है, बस हाथ में गहराई तक घाव है. गनीमत है कि नर्व नहीं कटी हैं. इसके बाद सीएम ने उनका हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि वह उनके साथ हैं. इसके बाद सीएम फडणवीस ने विधानसभा में जवाब दिया. कहा कि अब तक 12 चार पहिया और दर्जनों की संख्या में दो पहिया वाहन जलाए गए हैं. कहा कि इस मामले में अब तक 5 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. भरोसा दिया कि दंगाइयों को किसी हाल में बख्सा नहीं जाएगा.
ऐसे भड़का विवाद
बता दें कि फिल्म छावा के बाद महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर बवाल की स्थिति है. हिंदू संगठन इस कब्र का विरोध कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम को सोशल मीडिया में कोई अफवाह उड़ी थी. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने नागपुर में तांडव शुरू कर दिया था. पुलिस को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे जाहिर होता है कि यह दंगा अचानक नहीं भड़का, बल्कि इसके लिए सुनियोजित तैयारी की गई थी. इसके लिए पहले ही घरों की छतों पर पत्थर पहुंचा दिए गए थे. हथियारों का इंतजाम किया गया था. खुद मुख्यमंत्री ने भी इन तथ्यों को स्वीकार किया है.
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