औरंगजेब का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इस असर केवल महाराष्ट्र ही बल्कि अब मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. मध्य प्रदेश के जबलपुर से भी विवादास्पद मामला सामने आया है. यहां कांग्रेस की एक महिला नेत्री ने भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से की है, जिसके बाद सियासी माहौल गर्माने लगा है. बढ़ते विवाद को देखते हुए कांग्रेस ने भी महिला नेत्री से स्पष्टीकरण मांगा है.
जबलपुर की पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से की है. कांग्रेस नेत्री की फेसबुक पोस्ट से मचा बवाल गया है. ब्राह्मण समाज ने पोस्ट के बाद अपना विरोध दर्ज कराया है. चौतरफा विरोध के बाद कांग्रेस ने भी रेखा जैन को नोटिस थमा दिया है. जबलपुर नगर कांग्रेस ने रेखा जैन को नोटिस थमा कर 48 घंटे में माफी मांगने के दिये निर्देश हैं.
ब्राह्मण समाज के विरोध और कांग्रेस की ओर से नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस नेत्री रेखा जैन के तेवर ठंडे पड़ गए. मीडिया के सामने आकर कांग्रेस नेत्री ने मांगी माफी मांग ली है. जबलपुर कांग्रेस ने कहा कि रेखा जैन के कारण कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि हुई धूमिल हुई है.
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल कांग्रेस नेत्री रेखा जैन ने कथाकार मणिका मोहिनी के फेसबुक पोस्ट को किया शेयर किया था. इसी के बाद विवाद छिड़ गया. फेसबुक पोस्ट में औरंगजेब से भगवान परशुराम की तुलना की गई थी.
फेसबुक पोस्ट में लिखा गया कि औरंगजेब ने अपने भाई का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया था, वहीं परशुराम ने अपनी माता का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया था. मेरी समझ से विवेकहीन और वहशी दरिंदे दोनों ही जगह हैं, लेकिन हिंदुत्व की बीमारी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि परशुराम का अवतार तथा धर्म का प्रतीक मानने वाले केवल ब्राह्मण ही नहीं, बल्कि हिंदुओं के भी अगुआ हैं.
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद जबलपुर समेत कई अन्य स्थानों पर हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया. विरोध बढ़ता देख रेखा जैन ने विवादित पोस्ट को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से डिलीट कर दिया. विरोध बढ़ता देख रेखा जैन ने मीडिया के सामने आकर कांग्रेस नेत्री रेखा जैन ने माफी मांगी है.
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