स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और क्रिकेट बोर्ड से स्टेडियमों के साथ-साथ राष्ट्रीय टेलीविजन पर ब्राडकास्ट सत्रों के दौरान, सरोगेट विज्ञापनों सहित, सभी तरह के तंबाकू और शराब के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने को कहा है. आईपीएल के अध्यक्ष अरुण सिंह धूमल को लिखे पत्र में, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक अतुल गोयल ने सभी आयोजनों और खेल सुविधाओं में तंबाकू और शराब उत्पादों की बिक्री को खत्म करने की भी मांग की है.
स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए
यह कदम युवाओं और क्रिकेट प्रेमियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि इन हानिकारक उत्पादों के प्रचार-प्रसार को कम किया जा सके. सरकार लंबे समय से तंबाकू और शराब के विज्ञापनों पर कंट्रोल करने के प्रयास कर रही है, क्योंकि इनसे जनस्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
5 मार्च को लिखा गया था
यह पत्र 5 मार्च को लिखा गया था. इस पत्र में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भी संबोधित किया गया है, जिसमें खिलाड़ियों कमेंटेटरों को शराब या तंबाकू से जुड़े प्रोडक्ट का डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से समर्थन करने से मना करने को कहा गया है.
युवाओं के लिए रोल मॉडल होते हैं
इसपर गोयल ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी युवाओं के लिए रोल मॉडल होते हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि देश का सबसे बड़ा खेल मंच होने के नाते आईपीएल का सामाजिक और नैतिक दायित्व है कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे और सरकार की स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करे. उन्होंने लिखा कि भारत – हार्ट रोग, कैंसर, पुरानी फेफड़ों की बीमारी, शुगर का एक बड़ा बोझ झेल रहा है – जो सालाना 70% से अधिक मौतों का कारण बनते हैं.
14 लाख हर साल मौतें
उन्होंने कहा, “हम दुनिया भर में तंबाकू से संबंधित मौतों में दूसरे स्थान पर हैं; लगभग 14 लाख हर साल मौतें होती हैं, जबकि शराब भारतीयों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम मनोविकार जनक पदार्थ है.” इस साल आईपीएल सीजन 22 मार्च से शुरू हो रहा है. गोयल ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग को नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए और तंबाकू और शराब के विज्ञापनों को विनियमित करना चाहिए.
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