बिहार में अब शिक्षकों की नहीं होगी कमी… CM नीतीश कुमार ने तीसरे चरण में 51,389 शिक्षकों को सौंपे नियुक्ति पत्र
पटना गांधी मैदान में 51 हजार 389 शिक्षिकों को नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज आशा है आप सभी शिक्षक बेहतर ढंग से अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोगों को यहां काम करने का मौका मिला तो शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के लिए कई कदम उठाए गए. नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई. वर्ष 2023 में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नये शिक्षकों की बहाली की गई. पहले चरण में 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का और द्वितीय चरण में 94 हजार 833 शिक्षकों की बहाली की गई है. दोनों चरणों के नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र पहले ही प्रदान किया जा चुका है.
तीसरे चरण वाले आज 51 हजार 389 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. इन तीनों चरणों को मिलाकर कुल 2 लाख 68 हजार 548 नये शिक्षक बहाल हो गए हैं. इसके अलावे बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में 42 हजार 918 हेडमास्टर भी पास हुए हैं जिन्हें अगले महीने नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा. इन चारों चरणों को मिलाकर बी०पी०एस०सी० से नियुक्त होनेवाले नये शिक्षकों की संख्या 3 लाख 11 हजार 466 हो जाएगी.
बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में शिक्षकों की कमी की वजह से वर्ष 2006-07 से पंचायत एवं नगर निकायों के माध्यम से बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की गई जिनकी कुल संख्या लगभग 3 लाख 68 हजार है. जिसमें 28 हजार नियोजित शिक्षक बीपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण होकर सरकारी शिक्षक बने. शेष 3 लाख 40 हजार शिक्षक नियोजित शिक्षक के रूप में बचे रह गए तो हमने तय किया कि नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी की परीक्षा देने की जरूरत नहीं है, उन्हें अलग से परीक्षा देकर सरकारी शिक्षक बनाने के लिए 5 अवसर दिये जायेंगे.
अब तक 2 लाख शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है. एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षक प्रथम सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण हुए तथा 66 हजार 143 नियोजित शिक्षक दूसरी सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. दोनों को मिलाकर 2 लाख 53 हजार 961 नियोजित शिक्षक सरकारी शिक्षक बन चुके हैं. अब केवल 86 हजार 39 नियोजित शिक्षक बच गए हैं जिनको 3 मौके और दिए जाएंगे. बी०पी०एस०सी० द्वारा नियुक्त 3 लाख 11 हजार 466 नये सरकारी शिक्षक तथा 2 लाख 53 हजार 961 नियोजित शिक्षकों से बने सरकारी शिक्षकों की कुल संख्या को जोड़ दें तो राज्य में सरकारी शिक्षकों की कुल संख्या 5 लाख 65 हजार 427 हो जाएगी.
सभी के उत्थान के लिए कार्य किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने शुरू से ही सभी के उत्थान के लिए कार्य किया है. महिलाओं के उत्थान के लिए भी कई कार्य किए गए हैं. बड़ी संख्या में स्कूल खोले गए और कई स्कूलों में नये क्लास रूम बनाए गए. वर्ष 2006-7 में लड़के-लड़कियों के लिए पोशाक योजना शुरू की गई. वर्ष 2008 में नौवीं क्लास की लड़कियों के विद्यालय जाने के लिए साइकिल योजना चलाई गई. बाद में वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना चलाई गई. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय (10+2 स्कूल) खोले गए.
लड़कियों को 12वीं परीक्षा पास करने पर पहले 10 हजार रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है. वहीं ग्रेजुएट पास होने पर 25 हजार से बढ़ाकर अब 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. लड़कियां अब अच्छे ढंग से पढ़ रही हैं और स्कूलों में लड़के और लड़कियों की संख्या अब लगभग बराबर हो गई है. पहले शिक्षा पर बहुत कम पैसा खर्च किया जाता था. अब हर वर्ष राज्य के बजट का लगभग 22 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है, इसे और अधिक बढ़ाया जाएगा.
बच्चों को अच्छे से पढ़ाएं और उनका विकास करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शिक्षकों से मैं कहना चाहता हूं कि वे अच्छे से बच्चों को पढ़ाएं और उनका विकास करें. सभी बच्चे मन लगाकर पढ़ें. उन्हें पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा नहीं हो, इस पर सबलोग विशेष ध्यान रखें. आज के इस अवसर पर बिहार लोक सेवा आयोग एवं शिक्षा विभाग को विशेष तौर पर बधाई देता हूं कि वे निर्धारित समय के अंदर बेहतर ढंग से कार्यों को पूर्ण कर रहे हैं. आप सभी लोगों को फिर से बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं.
कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ ने पुस्तक भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया.
समारोह में गणमान्य हस्तियां थीं मौजूद
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं नवनियुक्त शिक्षक उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के प्रभारी मंत्री, विधायकगण, विधान पार्षदगण, जनप्रतिनिधिगण, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं नवनियुक्त शिक्षक जुड़े हुए थे.
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