राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) के कार्यवाहक रजिस्ट्रार डॉक्टर गिरधर गोयल की विवादित नियुक्ति के मामले की गूंज जब विधानसभा में भी सुनाई दे रही है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में सरकार को घेरते हुए कहा है कि सरकार ने जिस डॉक्टर को प्रदेश के सभी डॉक्टरों के लाइसेंस जांच ने की जिम्मेदारी सौंपी है उसका तो खुद का ही लाइसेंस 7 साल तक रिन्यू नहीं हुआ था.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने यह बात मेडिकल हेल्थ और एजुकेशन विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान कही. जूली ने कहा कि डॉक्टर गोयल का राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) में रजिस्ट्रेशन 27 अप्रैल 2016 को एक्सपायर हो गया था, जिसे उन्होंने 6 फरवरी 2024 को रिन्यू करवाया था. इस बीच वह एसएमएस हॉस्पिटल में बगैर लाइसेंस मरीजों के इलाज भी करते रहे. गोयल की विवादित नियुक्ति पर अब सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
क्या होता है RMC रजिस्ट्रार का काम?
डॉक्टर गिरधर गोयल को सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी)का कार्यवाहक रजिस्ट्रार बनाया था. आपको बता दें कि राजस्थान मेडिकल काउंसिल का काम प्रदेश में प्रैक्टिस करने वाले सभी डॉक्टरों का नया रजिस्ट्रेशन और पुराना रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने के साथ डॉक्टरों के खिलाफ मिली शिकायतों पर नियमानुसार एक्शन लेना होता है. हालांकि, राजस्थान मेडिकल काउंसिल के कार्यवाहक रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त किए गए डॉक्टर गोयल ने खुद अपना रजिस्ट्रेशन 7 साल से ज्यादा समय तक रिन्यू नहीं करवाया था.
1 हजार की लगी थी पेनल्टी
इस दौरान वह गैरकानूनी तरीके से प्रैक्टिस करते रहे और मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए उनका इलाज करते रहे. डॉक्टर गोयल ने जब अपना लाइसेंस रिन्यू करवाया तो लेट फीस की पेनल्टी 1 हजार रुपये भी जमा कारवाई थी. बताते हैं कि आरएमसी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार पद पर कार्यरत डॉक्टर गिरधर गोयल गजब के सेटिंगबाज है. ऐसा कहा जाता है कि उनकी सेटिंग महकमे में नीचे से लेकर ऊपर तक है.
एक साल पहले की थी शिकायत
डॉक्टर गोयल की कई बार शिकायतें होने के बावजूद भी वह नीचे से लेकर ऊपर तक सभी को मैनेज करता रहे. जानकारी के अनुसार डॉक्टर गोयल के मामले में 16 जनवरी 2024 को एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी. शिकायत में डॉक्टर गोयल की डिग्री की जांच करने और रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण रिन्यू नहीं करवाने का भी जिक्र किया था. यह शिकायत राजस्थान मेडिकल काउंसिल में ही की गई थी.
नहीं हुई डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई
तब कौंसिल प्रशासन ने इस संबंध में डॉक्टर गोयल पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए 18 जनवरी 2024 को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पत्र लिखा था. क्योंकि उस समय डॉक्टर गोयल एसएमएस हॉस्पिटल में ही प्रेक्टिस कर रहे थे, लेकिन फिर भी तत्कालीन प्रिंसिपल ने कोई एक्शन नहीं लिया था. शिकायत के बाद ना तो एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कोई एक्शन लिया और ना ही सरकार के स्तर पर भी कोई एक्शन हुआ.
शिकायत के बाद भी सरकार ने दिया इनाम
बल्कि सरकार ने एक्शन लेने के बजाय डॉक्टर गोयल को 22 जनवरी 2024 को एसएमएस हॉस्पिटल में ही अतिरिक्त अधीक्षक के पद की जिम्मेदारी भी दे दी जिसे लेकर अब डॉक्टर गिरधर गोयल सवालों के घेरे में आ गए हैं. डॉक्टर गिरधर गोयल की नियुक्ति मामले में सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है. विधानसभा में भी मामला उठा मगर सेटिंगबाज डॉक्टर गिरधर गोयल के खिलाफ सरकार ने अभी तक कोई एक्शन नही लिया. इस पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं.