खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में लंबे समय से तोतों (रेड रोज पैरा किट) की तस्करी करने वाले सक्रिय थे। जिस पर वन विभाग कार्रवाई के लिए जाल बिछाए बैठा था। जिसमें वन अमले को सफलता मिली और दो आरोपियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने कालजाखेड़ी इलाके में लगे नीम के पेड़ पर जाल बिछाकर 27 तोतों को पकड़ा था। आरोपी एक तोता महज 25 से 30 रुपए में बेचते हैं। जो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है।
एसडीओ संदीप वास्कले ने बताया मुखबिर से खबर मिल रही थी कि रेड रोज पैरा किट वाले तोतों को पकड़कर उनकी खरीद-फरोख्त की जा रही है। वन विभाग की टीम जब भी पहुंची आरोपी फरार हो जाते थे। शनिवार शाम जेपी मिश्रा को सूचना मिली कि कालजाखेड़ी इलाके में तोतां के सौदागर तोता पकड़ने आए हैं। वे नीम के पेड़ पर जाल बिछाकर बैठे हैं। इस पर रेंजर मिश्रा और वन रक्षक विकास चौहान व दीपेश दांगोरे मौके पर पहुंचे। तब तक आरोपियों ने 27 तोते पकड़कर झोले में भर लिए थे। वे तोतों से भरा झोला छोड़कर भागने लगे। वनकर्मियों ने पीछा कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपी का नाम भीमा मोंगिया निवासी घासपुरा व सोनू कहार निवासी सियाराम चौक है। आरोपियों ने पूछताछ में कबूला कि वे गली-गली घूमकर और ऑर्डर पर तोतो को बेचते हैं।
तीन साल की जेल व एक लाख जुर्माने का प्रावधान
रेंजर मिश्रा ने बताया गुलाब के छल्ले वाले तोते वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल-2 पार्ट-बी में आते हैं। इन्हें पकड़ना, खरीदना-बेचना व पिंजरे में बंद करके रखना भी अपराध है। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 2, 9 और 51 के तहत केस दर्ज किया है। इसमें आरोपियों का दोष सिद्ध होने पर उन्हें दो साल की जेल या 1 लाख रुपए जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।
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