बिहार और नेपाल में कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रात 2 बजकर 36 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता 5.5 थी. इसके अलावा पाकिस्तान में भी धरती हिली है. वहां इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई है. फिलहाल तीनों जगहों पर किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है. पिछले महीने भी बिहार से लेकर नेपाल तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई थी.
नेपाल के लोबुचे से 84 किलोमीटर उत्तर-उत्तर-पश्चिम में भूकंप आया था, जिसकी गहराई 10 किमी थी. नेपाल में भूकंप आना आम बात है. नेपाल दुनिया के उस खतरनाक जोन में है, जिसे सबसे ज्यादा एक्टिव टेक्टोनिक जोन कहा जाता है.
नेपाल में कई बार भूकंपीय गतिविधि रिकॉर्ड की जा चुकी है. यही वजह है कि यह भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए सबसे ज्यादा खतरे वाला क्षेत्र है. नेपाल में समय-समय पर हालात बिगड़ने पर अलर्ट जारी किया जाता और कई रिपोर्ट में इसे रिस्क जोन बताया जा चुका है.
पिछले साल नेपाल में भूकंप ने मचाई थी तबाही
नेपाल में पिछले साल नवंबर में भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई थी. 6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप की वजह जान-माल का काफी नुकसान हुआ था. भूकंप की वजह से 157 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे. 8 हजार से ज्यादा घर बर्बाद हो गए थे.
पाकिस्तान में 4.5 तीव्रता का भूकंप
वहीं, पाकिस्तान में भी भूकंप के झठके महसूस किए गए. सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता 4.5 थी. यहां भी किसी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
क्यों और कैसे आता है भूकंप?
दरअसल, धरती के अंदर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराने के चलते भूकंप आता है. भू-विज्ञान के जानकार बतातें हैं कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. जानकार के मुताबिक, धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.
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